आखिर किस तरह से बरी हुए एक्ट्रेस जिया खान खुशकुशी मामले में सूरज पंचोली.. जानिए कुछ अहम बातें

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इस मामले में क्या क्या हुआ व कैसे कैसे हुई जांच पूरी ..पढ़े खुशकुशी मामले की कहानी

टाकिंग पंजाब

नई दिल्‍ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान की खुशकुशी के तकरीबन 10 साल बाद मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है। जिया के कथित प्रेमी व फिल्म अभिनेता सूरज पंचोली को कोर्ट ने सबूत के अभाव में रिहा कर दिया है। इस मामले से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां सामने आई हैं, जिसमें जिया खान की खुशकुशी में हुई कार्रवाई की परते खुलती नजर आ रही हैं। दरअसल निशब्द व गजनी जैसी फिल्मों की एक्ट्रेस जिया खान ने 3 जून 2013 को जुहू स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। इस घटना में सूरज पंचोली पर एक्ट्रेस को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था।

     इस मामले की जांच जुहू पुलिस कर रही थी व जांच के दौरान 7 जून 2013 को जिया खान के घर से पुलिस को 6 पन्नों का हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट मिला था। इसके बाद मुंबई पुलिस ने 11 जून 2013 को बॉलिवुड एक्टर आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली को जिया को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। इसके लगभग एक महीने जेल में बिताने के बाद 1 जुलाई 2013 को सूरज पंचोली को जमानत पर रिहा कर दिया गया। साल 2019 में एक इंटरव्यू में सूरज ने जिया खान सुसाइड केस पर कहा था कि मुझे आर्थर रोड स्थित जेल में एक सेल के अंदर रखा गया, जिसकी हालत बेहद ही खराब थी।
     इस मामले में पुलिस की जांच से जिया खान की मां राबिया ख़ान संतुष्ट नहीं थी। उनका कहना था की यह मामला हत्या का है और इसकी जांच हत्या का मामला समझकर करनी चाहिए। जिया की मां की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने साल 2014 में मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को दे दी थी। साल 2015 में सीबीआई ने मामले को जांच कर कोर्ट में सूरज पंचोली के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर थी। इसमें सूरज पंचोली पर एक्ट्रेस को खुदकुशी के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत आरोप तय किये गये थे। आईपीसी की धारा-306 कहती है कि अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है, तो उसे जो भी शख्स यह कदम उठाने के लिए उकसाता है, उसे 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
    सीबीआई ने आरोप लगाया था कि मुंबई पुलिस द्वारा जब्त किया गया पत्र जिया ने ही लिखा था। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि पत्र में सूरज के साथ जिया के अंतरंग संबंधों के साथ-साथ उनके कथित शारीरिक शोषण, मानसिक और शारीरिक यातना के बारे में बात की गई है, जिस वजह से उन्होंने खुदकुशी की। जिया खान की खुशकुशी मामले में साल 2019 में मुकदमा शुरू हुआ व 20 अप्रैल 2023 को सुनवाई पूरी हुई। तकरीबन 10 साल बाद मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की प्रमुख गवाह और जिया की मां राबिया खान ने अदालत से कहा कि उनका मानना है कि यह हत्या का मामला है, न कि आत्महत्या का।
    मुंबई उच्च न्यायालय ने मामले की नए सिरे से जांच कराने की मांग वाली राबिया की याचिका को पिछले साल खारिज कर दिया था। सूरज ने अदालत में अपने अंतिम बयान में दावा किया था कि जांच और आरोप पत्र झूठा है। उन्होंने कहा था कि शिकायतकर्ता राबिया खान, पुलिस व सीबीआई के कहने पर अभियोजन पक्ष के गवाहों ने उनके खिलाफ गवाही दी है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ए एस सैय्यद ने मामले में दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद पिछले हफ्ते अपना फैसला 28 अप्रैल के लिए सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई के दौरान जज एएस सैय्यद ने पहले कटघरे में खड़े सूरज पंचोली का नाम पूछा फिर कहा कि सबूतों के अभाव में आपको दोषी नहीं पाया जा सकता। इसलिए आप आरोप से बरी किए जाते हैं।

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