रविवार को होगा नए संसद भवन का शुभारंभ … संसद भवन में दिखेगी संस्कृति व आधुनिकता के मिलन की अप्रतिम झलक

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विपक्ष ने नए संसद भवन को बताया बेफिजूल … कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने किया उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान

टाकिंग पंजाब

नईं दिल्ली। देश के सांसदों के लिए बनाए गए नए संसद भवन को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष इस नए संसद को जहां बेफिजूल वजह बता रहा है, वहीं देश के गृहमंत्री अमित शाह ने नई संसद को संस्कृति व आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण बताया है। नई संसद के चारों तरफ सुरक्षा सख्त कर दी गई है व 70 पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है। एसीपी रैंग के अफसर सीसीटीवी से पूरे इलाके को मॉनिटर कर रहे हैं। दूसरी तरफ नए संसद भवन को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नतीश कुमार का कहना है कि मैं तो नए संसद भवन के खिलाफ हूं व हमको अच्छा नहीं लग रहा था। वहां जाना बेकार है, कोई मतलब नहीं है व वहां जाने की क्या जरूरत है। आजादी हुई तो जिस चीज की जहां पर शुरूआत हो गई, उसे वहीं पर विकसित कर देना चाहिए।    नतीश कुमार कहा कि अलग से बनाने का कोई मतलब नहीं है। पुराना संसद भवन जो था, उसी को सही करना चाहिए था। मैं तो इसके खिलाफ हूं। उधर नीतिश कुमार के बाद जेडीयू ने भी इसका विरोध किया है। जेडीयू ने तो रविवार को होने वाले नए संसद के शुभारंभ के दिन उपवास करने का ऐलान कर दिया है। डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह सपना हमने आज से 35 साल पहले नरसिम्हा राव की सरकार में देखा था। हमने पीएम के साथ नक्शा भी बनाया था। तब हमसे तो हो नहीं पाया, लेकिन अब बना है तो उसका स्वागत करना चाहिए। मैं विपक्ष के बहिष्कार के खिलाफ हूं। दरअसल कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है, वहीं भाजपा समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी।  विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका इनॉग्रेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है    अब जानिए नए संसद भवन के बारे में …

नए संसद भवन की बात करें तो इसमें देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है तो कालीन मिर्जापुर से मंगवाया गया है। इसके अलावा लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का हैं तो वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से व भवन के लिए सागवान की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है। भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया व पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर व नोएडा से करवाया गया। इसके अलावा प्रतीक चिह्ं अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद व राजस्थान के जयपुर से बुलाई गई।      इसके अलावा लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार व संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगवाया गया है। पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड व उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से लाए गए। फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा व उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं, जबकि पीतल के काम व सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए। इस बीच उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने और प्रधानमंत्री मोदी को सुनहरा राजदंड भेंट करने के लिए चेन्नई के धर्मपुरम अधीनम के 21 संत चेन्नई से दिल्ली पहुंच गए हैं। यह संत पीएम मोदी को देने के लिए अपने साथ एक खास तोहफा भी लाए हैं। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी संसद की नई बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसका निर्माण जनवरी 2021 में शुरू हुआ था, जिसे 28 महीने में बना लिया गया।

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