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सूत्रों के मुताबिक आप नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, पैनिक क्रिएट करने समेत अन्य धाराओं में की जा सकती है कार्रवाई
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बीजेपी पर उनके 16 उम्मीदवारों को 15 करोड़ रुपये का ऑफर देने और मंत्री बनाने का आरोप लगाया था। इसके बाद सूत्रों का कहना है कि इस मामले की जांच करने वाली टीम को अब तक आरोपों के संबंध में ‘कोई प्रासंगिक सबूत नहीं मिला है। सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी के नेता कोई सबूत देने में विफल रहे हैं जो उनके दावों की पुष्टि कर सके। अरविंद केजरीवाल और अहलावत को नोटिस भेजा गया था मगर उनमें से किसी ने भी अब तक अपने बयान दर्ज नहीं कराए हैं। दिल्ली बीजेपी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर केजरीवाल समेत आप नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। इस मामले में आम आदमी पार्टी के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस मामले में दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को कानूनी नोटिस भेजकर इन आरोपों के बारे में विवरण और सबूत मांगे थे. लेकिन केजरीवाल ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है। सूत्रों के मुताबिक एसीबी ने केजरीवाल से यह सवाल पूछे थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की गई पोस्ट आपके द्वारा की गई है या नहीं ? ये सवाल पूछने के साथ ही एसीबी ने पोस्ट का यूआरएल भी दिया है। एसीबी ने पूछा कि आम आदमी पार्टी के विधायक पद के उन 16 उम्मीदवारों का जानकारी दें, जिन्हें रिश्वत की पेशकश के संबंध में फोन कॉल आई। रिश्वत की पेशकश के संबंध में उन विधायकों से संपर्क करने वाले फोन नंबरों/व्यक्तियों की जानकारी दें। आप और आपकी पार्टी के सदस्यों द्वारा विभिन्न मीडिया/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगाए गए रिश्वत की पेशकश के दावे/आरोपों के समर्थन में साक्ष्य दें। बताएं कि मीडिया/सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी जानकारी फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए, जो दिल्ली के लोगों में दहशत और अशांति की स्थिति पैदा करने के समान है सूत्रों के मुताबिक आप नेताओं के खिलाफ, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने, पैनिक क्रिएट करने समेत अन्य उचित धाराओं में कार्रवाई की जा सकती है। नोटिस में केजरीवाल से कथित खरीद-फरोख्त के प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने को कहा गया था। इसमें उन 16 उम्मीदवारों के नाम भी मांगे गए थे, जिन्हें फोन कॉल आए। उनसे संपर्क करने वालों के फोन नंबर और इन दावों को पुष्ट करने के लिए कोई भी सहायक सबूत मांगा गया था। पार्टी के वकील ने कहा, उन्होंने हमें जो नोटिस दिया है, उसमें शिकायतकर्ता के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हम पूछ रहे हैं कि नोटिस कहां है लेकिन एसीबी के पास कोई जवाब नहीं। एसीबी अधिकारियों को उनके आका ने केजरीवाल के घर पहुंचने के लिए कहा और ये बिना किसी आधिकारिक दस्तावेज के यहां पहुंच गए। इन्होंने जांच एजेंसियों को मजाक बना दिया है। केजरीवाल को दिए गए एसीबी के नोटिस में कहा गया था कि ‘‘विभिन्नमीडिया/सोशल मीडिया मंचों पर आपके और आपकी पार्टी के सदस्यों द्वारा लगाए गए खरीद-फरोख्त के दावे/आरोपों का समर्थन करने के लिए सबूत प्रदान करें।” नोटिस में संभावित कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है, जिसमें केजरीवाल से यह बताने के लिए भी कहा गया है कि ऐसे आरोप फैलाने वालों पर दिल्ली के लोगों में ‘‘दहशत और अशांति” पैदा करने के लिए मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने आप के नेताओं के आरोपों की जांच एसीबी से कराने के आदेश दिए थे। हालांकि, आप ने एसीबी की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की थी और इसे चुनाव परिणामों से पहले पार्टी को डराने का प्रयास बताया था।