कहा, देश के अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसमें किसी भी नागरिक के अधिकारों को वापस लेने का कोई प्रावधान ही नहीं
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि कि सीएए को लेकर विपक्ष ने काफी हंगामा मचा रखा है। इस कानून को मुस्लमानों के खिलाफ बताकर जहां विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश में लगा है, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर से साफ किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम यानि कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने विपक्षी दलों पर “झूठ की राजनीति” करने का आरोप लगाया है। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मैंने विभिन्न प्लेटफार्मों पर कम से कम 41 बार सीएए पर बात की है। मैने विस्तार से बताया है कि देश के अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसमें किसी भी नागरिक के अधिकारों को वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है। अमित शाह ने कहा कि सीएए का मकसद, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सताए गए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों समेत गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देना है।
इन देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए लोगों को सीएए के तहत नागरिकता देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को संविधान के नियमों के मुताबिक, भारत में नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है, लेकिन यह कानून इन देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के लिए है। इस दौरान जब अमित शाह से पूछा गया कि क्या सीएए का विरोध होने पर सरकार इसे लागू करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सीएए कभी वापस नहीं लिया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए कानून लागू करने के फैसले का विरोध करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता की उस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि वे सत्ता में आने पर सीएए को वापस ले लेंगे के जवाब में अमित शाह ने कहा कि यहां तक कि इंडिया गठबंधन भी जानता है कि वह सत्ता में नहीं आएगा। सीएए बीजेपी और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे लेकर आई है, इसे रद्द करना असंभव है। हम पूरे देश में जागरूकता फैलाएंगे ताकि जो लोग इसे रद्द करना चाहते हैं उन्हें जगह न मिले। उधर केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ठाकुर का कहना है कि सीएए पड़ोसी देशों के हजारों दलित परिवार अब भारत में रहते हैं और नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि सीएए नागरिकता देने वाला कानून है, न कि छीनने वाला।