सेंट सोल्जर स्कूल में विश्व नारियल दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

शिक्षा
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नारियल के फल को बहुत शुभ माना जाता है व इसे श्रीफल भी कहते हैं- प्रिंसिपल गगनदीप सिंह

टाकिंग पंजाब

जालंधर। सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल में विश्व नारियल दिवस पर एक जागरूकता कार्यक्रम करवाया गया। इस दौरान छात्रों को नारियल के महत्व की जानकारी दी गई। छात्रों ने पोस्टर बनाकर नारियल के इस्तेमाल ओर उसके गुणों के बारे में जागरूक किया। स्कूल प्रिंसिपल गगनदीप सिंह ने बताया कि नारियल का जिक्र वेदों में मिलता है, जिनमें इसे कल्पवृक्ष कहा गया है। पश्चिमी दुनिया नारियल से 6 वीं शताब्दी तक अनजान थी। यह हिंद महासागर के जरिए भारत से इजिप्ट पहुंचा।
      20वीं शताब्दी तक निकोबार द्वीप पर सामान खरीदने के लिए साबुत नारियल का बतौर करंसी इस्तेमाल किया जाता था। नारियल के फल को बहुत शुभ माना जाता है और इसे श्रीफल भी कहते हैं। किसी भी शुभ काम की शुरुआत करते वक्त नारियल फोड़ने की परंपरा है। यह परंपरा इस बात का संकेत है कि ऐसा करके एक शख्स अपना अहंकार त्याग कर सब कुछ ईश्वर को सौंप देता है। उन्होंने यह भी कहा कि नारियल एक मल्टी पर्पज फूड आइटम है।
      नारियल पानी में शुगर, फाइबर, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है, जो प्यास बुझाने के अलावा थकान भी मिटाती है। 48.5 फीसदी लॉरिक एसिड की वजह से नारियल पानी को मां के दूध के बराबर पौष्टिक माना जाता है। उन्होंने अच्छी सेहत के समूह छात्रों को कोल्ड ड्रिंक की बजाए नारियल पानी पीने ओर नारियल खाने के लिए प्रेरित किया।

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