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अंबाला जिले व खनौरी बॉर्डर पर बीएनएस की धारा 163 लागू.. करीब एक हजार जवानों के साथ जेसीबी, फायर ब्रिगेड की गाड़िया की तैनात
इसके अलावा अंबाला जिले व खनौरी बॉर्डर पर बीएनएस की धारा 163 जो पहले धारा 144 हुआ करती थी, लागू कर दी गई है। खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ पुलिस अलर्ट है। करीब एक हजार जवान तैनात किए गए हैं। इसके साथ जेसीबी, फायर ब्रिगेड की गाड़ी और हरियाणा रोडवेज की बसें भी खड़ी की गई हैं। उधर शंभू बॉर्डर पर किसानों ने अरदास की व दिल्ली कूच करने की तैयारी कर ली है। किसान नेता सरवन पंधेर ने कहा कि 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर रवाना होगा। इन्हें नमक दिया जा रहा है ताकि उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए तो सांस लेने में दिक्कत ना हो।
किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने आई राजविंदर कौर ने कहा कि हम तरन तारन से इस आंदोलन में शामिल होने के लिए आए हैं। फिलहाल हमारे किसान भाई दिल्ली की ओर जा रहे हैं। मगर जिस दिन हमारी बारी आएगी, हम भी दिल्ली की ओर रवाना होंगे। उधर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा कि क्या किसानों ने अनुमति ली है ? बिना अनुमति के उन्हें दिल्ली नहीं जाने दिया जा सकता है। आप वहां एक कार्यक्रम के लिए जा रहे हैं और आपको मंजूरी लेनी होगी। इसके साथ ही पंजाब आम आदमी पार्टी के प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि आज किसान शांति पूर्वक ढंग से शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर आगे बढ़ेंगे।
हमारी सरकार ने केंद्र से बातचीत की थी, जिससे किसानों का मसला हल हो जाए। मगर केंद्र ने मुद्दे को दरकिनार कर दिया। पहले किसानों को हरियाणा से गुजरने के लिए अनुमति दे दी, मगर फिर ये फैसला वापस ले लिया गया। उन्हें पैदल दिल्ली की ओर जाने से रोका जा रहा है। मेरी बीजेपी से अपील है कि किसान देश का हिस्सा हैं और उन्होंने हमारा पेट भरा है। उनके साथ ऐसा न किया जाए। केंद्र सरकार को इसका मसला जल्द से जल्द हल करना चाहिए। इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि सच तो यह है कि किसानों को दोगुनी आय का आश्वासन दिया गया था जो नहीं हुआ।
उन्हें एमएसपी का आश्वासन दिया गया था, मगर सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की। जब कोई ठगा हुआ महसूस करता है, तो वह आंदोलन करने के लिए बाध्य होता है। किसानों के पास कोई विकल्प नहीं है, इसलिए वे आंदोलन करने आ रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसान संघर्ष कर रहे हैं और भाजपा उन्हें अनदेखा कर रही है। भाजपा एक किसान विरोधी सरकार है। यहां तक कि भारत के उपराष्ट्रपति ने भी सार्वजनिक रूप से कृषि मंत्री को फटकार लगाई है कि उन्हें किसानों से किए गए वादों और प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरना चाहिए।

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