लगभग 10 लाख वस्तुओं के जीएसटी स्लैब बदलने की तैयारी,, खत्म होगा 12 व 28% वाला स्लैब

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अभी जीएसटी में 5, 12, 18 व 28 प्रतिशत, संसोधन के बाद बचेंगे 5 व 18 प्रतिशत स्लैब

टाकिंग पंजाब

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की दादागिरी की हवा निकालने के लिए भारत ने भी कड़ा रूख इख्तियार कर लिया है। केंद्र सरकार ने अमेरिका के टैरिफ का जवाब देने की तैयारी कर ली है। इसके लिए वस्तु एवं सेवा कर यानि कि जीएसटी में बड़ा बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। इसे ‘जीएसटी 2.0 या नेक्स्ट जेन जीएसटी’ नाम दिया गया है। इसका ऐलान शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से किया। उन्होंने इसे दिवाली गिफ्ट कहा, जिससे लगता है कि सितंबर में ही जीएसटी बैठक करके सरकार यह बदलाव कर सकती है।
  आपकों बता दें कि अभी जीएसटी में 4 टैक्स स्लैब 5, 12, 18 व 28 प्रतिशत हैं। इसमें संशोधन के बाद मात्र दो स्लैब 5 और 18 प्रतिशत ही रहेंगे। इससे सबसे बडा फायदा यह होने जा रहा है ​कि 12 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आने वाली मक्खन, फ्रूट जूस, ड्राय फ्रूट्स जैसी 99 प्रतिशत वस्तुएं 5 प्रतिशत के दायरे में आ जाएंगी। सीधे तौर पर कहें तो ये वस्तुएं 7 प्रतिशत सस्ती हो जाएंगी। ऐसे ही 28 प्रतिशत टैक्स के दायरे में आने वाली सीमेंट, एसी, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी 90 प्रतिशत वस्तुएं 18 प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगी। यानी 10 प्रतिशत तक सस्ती हो जाऐंगी। सरकार ने टैक्स रेट में स्थिरता लाने व इनपुट टैक्स क्रेडिट के जटिल सिस्टम को आसान बनाने के लिए यह कदम उठाया है।   इन चीजों पर टैक्स 12 से 5 प्रतिशत होने से सामान सस्ता हो जाऐगा। इसमें सूखे मेवे, ब्रांडेड नमकीन, टूथ पाउडर, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल, सामान्य एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर दवाएं, प्रोसेस्ड फूड, स्नैक्स, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, कुछ मोबाइल, कुछ कंप्यूटर, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर, बिना बिजली वाले पानी के फिल्टर, इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर, 1000 रुपए से ज्यादा के रेडीमेड कपड़े, 500-1000 रुपए की रेंज वाले जूते, ज्यादातर वैक्सीन, एचआईवी/टीबी डायग्नोस्टिक किट, साइकिल, बर्तन, ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे, ग्लोब, ग्लेज्ड टाइल्स, प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग, वेंडिंग मशीन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन, कृषि मशीनरी, सोलर वॉटर हीटर शामिल हैं।

जीएसटी के दायरे में अभी 10 लाख से ज्यादा वस्तुएं हैं। प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा को समझें तो नए सुधारों का सीधे तौर पर आमजन को फायदा होगा। 350 रुपए की सीमेंट की बोरी 28 रुपए, 80 हजार की टीवी 8 हजार, 40 हजार का फ्रिज 4 हजार और 1000 रुपए किलो वाली मिठाई 70 रुपए तक सस्ती होगी। इन पर टैक्स 28 से 18 प्रतिशत हो जाऐगा। इन चीजों में सीमेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट, चॉकलेट, रेडी-मिक्स कंक्रीट, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, डिशवॉशर, निजी विमान, प्रोटीन कॉन्सेंट्रेट, चीनी सिरप, कॉफी कॉन्सेंट्रेट, प्लास्टिक प्रोडक्ट, रबर टायर, एल्युमिनियम फॉयल, टेम्पर्ड ग्लास, प्रिंटर, रेजर, मैनिक्योर किट, डेंटल फ्लॉस शामिल है। यानी ये सभी प्रोडक्ट 10 प्रतिशत तक सस्ते हो जाएंगे।

इसके अलावा सभी तरह के इंश्योरेंस का प्रीमियम घटेगा। अभी जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। इसे 5 प्रतिशत करने की योजना है सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इसे 0 प्रतिशत भी कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय का कहना है कि टैक्स घटेगा तो ज्यादा से ज्यादा लोग बीमा कवर ले सकेंगे। इसके अलावा टेक्सटाइल उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार इनवर्टेड ड्यूटी सुधार करेगी। इससे कपड़े, जूते-चप्पल और फर्टिलाइजर सस्ते होंगे। अभी कपड़े के कच्चे माल पर 12 प्रतिशत तो तैयार परिधानों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है। रिफॉर्म के बाद दोनों पर यह 5 प्रतिशत हो जाएगा।  इससे टेक्सटाइल उद्योग की लागत घटेगी। इसी तरह फर्टिलाइजर में इनपुट पर टैक्स 18 प्रतिशत से घटाकर 5 परतिशत किया जा सकता है। इससे किसानों को फर्टिलाइजर खरीदना सस्ता होगा। सूत्रों की माने तो कपनसेशन सेस खत्म होगा। कंपनसेशन सेस अल्ट्रा लग्जरी वस्तुओं पर लगता है, जो 204 प्रतिशत है। यह खत्म होगा। इसकी जगह लग्जरी, हानिकारक सामान, तंबाकू, ऑनलाइन गेमिंग पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी।

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