डंकी रूट से अमेरिका जा रहे दसूहा के 21 साल के युवक को डोंकरों ने मारी गोली… मौत

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एजेंट ने 50 लाख लेकर डंकी रूट से भेजा था अमेरिका.. बेटे के अंतिम दर्शन को भी तरस रहा परिवार

पैसे भी गए व बेटा भी … आखिर कब खत्म होगा नौजवानों के सिर पर चड़ा विदेश जाने का जनून

टाकिंग पंजाब

जालंधर। विदेश में सैटल होने का सपना आंखों में लिए डंकी के जरिए अमेरिका जाने वाले एक ओर पंजाब के बेटे का कत्ल कर दिया गया। पंजाब के दसूहा के रहने वाले साहिब सिंह की अमेरिका पहुंचने से पहले ही ग्वाटेमाला में डोंकरों ने हत्या कर दी। साहिब सिंह के परिवार ने 50 लाख रूपए खर्च करके अक्तूबर 2024 में हरियाणा के करनाल के एजेंट के जरिए अपने बेटे को टंकी रूट से अमेरिका भेजा था। अब एक साल बाद न तो उनका बेटा अमेरिका पहुंच पाया व न ही भारत वापस लौटा, लौटी तो उसके शव की तस्वीरें जो कि डोंकरों ने इनके माता पिता को भेजी थी।   साहिब सिंह के जीजा गुरदीप सिंह का कहना है कि अक्तूबर 2024 में साहिब सिंह को अमेरिका भेजा था। कुछ महीने ठीक चला, लेकिन इसके बाद साहिब के साथ गए दूसरे लड़कों से बातचीत में पता चला कि डोंकरों ने साहिब सिंह को किनडैप कर लिया था। एजेंट ने उन्हें पैसा नहीं दिया, जिस पर उन्होंने उसकी हत्या कर दी। डोंकरों ने 20 हजार डॉलर फिरौती की मांग की, जबकि एजेंट को 50 लाख रुपए दिए गए थे। उन्होंने हमें घर पर साहिब की लाश के फोटो भेज दिए। साहिब सिंह के जीजा गुरदीप सिंह का कहना था कि एजेंट ने अमेरिका भेजने के लिए 45 लाख रुपए लिए।   एजेंट ने हमें कहा था कि एक नंबर में साहिब को अमेरिका पहुंचाएंगे। उन्हें तो साहिब की मौत के बाद पता चला कि उसे डंकी रूट से ले जाया जा रहा था। साहिब के पिता सुच्चा सिंह का कहना है कि बेटे की उम्र 21 साल थी। उन्होंने पहली बार बेटे को विदेश भेजा था। एजेंट ने केवल जहाज की टिकट ही दिखाए थे। बेटे से अंतिम बार ग्वाटेमाला पहुंचने पर बात हुई थी। इसके बाद बेटे से बात नहीं हो पाई। अब जाकर पता चला कि उसकी हत्या कर दी गई है। गुरदीप सिंह ने आगे बताया कि एजेंट उनसे 50 लाख रुपए वसूल चुका है। उसने कहा था कि फ्लाइट से लेकर जाएंगे। इसके बाद वे डंकी रुट ले गए।    एजेंट से 40 लाख रुपए देने की बात हुई थी, लेकिन उसने धीरे-धीरे कर 50 लाख ले लिए। हमें नहीं पता एजेंट ने डोंकरों को पैसा दिया या नहीं। देखा जाए तो ऐसी यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कईं पंजाब के बेटे इस डंकी रूट के जरिए विदेश जाने की कोशिश कर चुके हैं। इस रूट के जरिए कुछ नौजवान तो विदेश पहुंच जाते हैं, लेकिन ज्यादातर मारे जाते हैं। आज के नौजवानों के दिलों में में बाहरी देशों की चमक दमक इस तरह से हावी हो चुकी है कि वह खतरनाक जंगलों से गुजरने व ऊंचे पहाड़ों को चड़ने से भी परहेज नहीं कर रहे। डंकी रूट से हर पल जान का खतरा रहता है, लेकिन नौजवान इसकी भी परवाह किए बिना इस रूट से विदेश जाना छोड़ नहीं रहे हैं।   हालांकि उनको पता है कि इसमें 50 लाख रूपए की एक बड़ी रकम खर्च होनी है व जान का खतरा उससे बी ज्यादा, लेकिन विदेश जाने का जनून ऐसा है कि नौजवान इन सब बातों की परवाह नहीं कर रहे व बाद में अपने पीछे छोड़ जाते हैं अपना रोता बिखलता परिवार, जिसने एक बड़ी रकम से हाथ तो धो ही लिया, साथ में अपनी सबसे बड़ी पूंजि अपनी ओलाद को भी खो दिया। मत करिए, ऐसे विदेश जाने की चाह मत करिए। इस देश में 50 लाख एक बड़ी रकम है, उसका उपयोग इस देश में अपनी जिंदगी बनाने में कीजिए। अपने परिवार के साथ रहिए। उनसे अपने दुख सुख बांटिए ओर थोड़े में ही सही, अपनी जिंदगी हंसी-खुशी बसर कीजिए। नौजवान साथियों जरा सोचिए, छोड़ दीजिए इस डंकी का चक्कर, छोड़ दीजिए। बस कीजिए।

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