नई दिल्ली। भारत सरकार की ओर से 2016 में नोटबंदी के बाद जोरशोर से 2000 रुपये का नया नोट जारी किया गया था, जिसे अब भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर दिया गया है। इस नोट के बाजार में आने के बाद कई तरह की बातें हुई थी। कुछ जानकारों का कहना था कि बड़ा नोट होने के चलते इसको काले धन के रूप में संभालना आसान हो जायेगा तो कुछ का तर्क था कि पुराने नोट बंद होने व 2000 हज़ार के नए नोट के आने से काला धन खत्म हो जायेगा, लेकिन ज्यादतर ऐसा कुछ हुआ नहीं। हालांकि इस नोट को लेकर उस समय यह भी कहा जाता था कि सरकार ने इस नोट में जीपीएस चिप भी लगाया है, लेकिन लोगों का यह सोचना गलत साबित हुआ था। इसके विपरीत सरकार ने इस नोट को जारी करने के पीछे तर्क दिया था कि इससे नोटो की छपाई जल्दी हो पाएगी और पुरानी करेंसी को नई करेंसी से आसानी से बदला जा सकेगा। इसी का परिणाम था कि मार्च 2017 तक देश में चलने वाली 89 प्रतिशत करेंसी 2000 के नोट की थी। सूत्रों की माने तो 31 मार्च, 2018 तक देश में 6.73 लाख करोड़ रुपये के दो हजार के नोट चलन में थे, जो कि इसका सबसे उच्चतम स्तर था। इसके बाद 31 मार्च, 2023 तक देश में 3.62 लाख करोड़ रुपये के नोट ही चलन में थे। यह नोट देश की कुल करेंसी का 10.8 प्रतिशत था। अब सवाल यह है कि 2000 करेंसी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा ? जानकारों का मनाना है कि इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर कुछ खास असर नहीं होगा, क्योंकि लोग पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में डिजिटल पेमेंट का उपयोग करने लगे हैं। वहीं, कुछ इसे अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा मान रहे हैं क्योंकि 2,000 के नोट का इस्तेमाल कालाधन छुपाने के लिए किया जाता था। इसे बंद करने से अधिक पैसा बाजार में आएगा और शेयर बाजार को भी इसका फायदा हो सकता है। हाँ, जिन लोगों ने 2000 के नोटों के रूप में काला धन छुपा कर रखा है, उनको कुछ परेशानी जरूर हो सकती है। आपको बता दें कि 2000 के नोट को अब सर्कुलेशन से बाहर कर दिया गया है।केंद्रीय बैंक द्वारा बताया गया है कि पब्लिक 23 मई से 30 सितंबर तक अपने पास मौजूद 2000 रुपये के नोटों को बैंक जाकर बदल सकती है हालांकि शर्त यह भी है कि एक बार अधिकतम 20,000 रुपये या 10 नोट ही बदले जा सकेंगे।
आरबीआई ने मार्किट में पहले ही कम कर दिया गया था 2000 के नोट का चलन..
31 मार्च, 2018 तक देश में थे 6.73 लाख करोड़ के नोट तो 31 मार्च, 2023 तक देश में था 3.62 लाख करोड़ के नोट का ही चलन..
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