प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी ने एनडीए सांसदों को दिया लोकसभा चुनाव 2024 की जीत का मंत्र

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बोले.. जो रूठे हैं, उन्हें मनाइये.. जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा समय बिताइए, शादी-त्योहार जैसे कार्यक्रमों से ज्यादा से ज्यादा जाएं.”
10 अगस्त तक एनडीए सांसदों के समूहों से मुलाकात करेंगे प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी…
टाकिंग पंजाब 

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनितिक पार्टियां अपनी रणनीति बनाने में जुट गईं है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी भी एक्टिव मोड में आ गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि कि एनडीए को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पीएम मोदी इसके लिए एनडीए के सांसदों से मुलाकात कर रहे हैं।

   पीएम मोदी ने सोमवार को एनडीए सांसदों से मुलाकात के बाद उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में जीत का मंत्र भी दिया। पीएम ने सांसदों से कहा कि “राम मंदिर के अलावा और भी बहुत काम हैं। उन्हें लेकर जनता के बीच जाइए। जो रूठे हैं, नाराज हैं, उन्हें मनाइए। पीएम मोदी ने सोमवार को महाराष्ट्र सदन में पश्चिम उत्तर प्रदेश, ब्रज, कानपुर-बु्ंदेलखंड के सांसदों से मुलाकात की थी। उन्होंने सांसदों से कहा वह अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों के स्थानीय मुद्दों पर बात करें। पीएम ने कहा कि ‘आपको एनडीए के लिए स्वार्थ से ऊपर उठकर त्याग पर जोर देना चाहिए।
  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव के समय जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा समय बिताइए। शादी-त्योहार का सीजन है, लोगों के कार्यक्रमों से ज्यादा से ज्यादा जाएं”। पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों से गठबंधन धर्म का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, “एनडीए स्वार्थ नहीं, त्याग की भावना से बना है। बिहार में जेडीयू से ज्यादा विधायक होते हुए भी नीतीश कुमार को सीएम बनाया गया। पंजाब में अकाली दल के साथ सरकार में अच्छी संख्या में विधायक होते हुए भी एनडीए ने उपमुख्यमंत्री का पद नही मांगा। बता दें कि पीएम से मुलाकात के लिए एनडीए के 338 सांसदों को क्षेत्र के हिसाब से 10 ग्रुप में बांटा गया है।
   पीएम मोदी हर दिन कुछ सांसदों से मुलाकात करेंगे और उनके क्षेत्र का फीडबैक लेंगे। पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्षी गठबंधन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “विपक्ष का चोला बदल गया है, लेकिन चरित्र वही है। चोला बदलने से चरित्र नहीं बदलता। इसलिए यूपीए तो यूपीए ही रहेगा.” पीएम मोदी ने कहा, “यूपीए के पास 10 साल का बताने को कुछ भी नहीं है। यूपीए के चरित्र पर कई दाग थे, इसीलिए उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा। यह सभी स्वार्थ की राजनीती के लिए किया गया है। सत्ता हासिल करने के लिए किया गया है, लेकिन जनता सब समझती है, जानती है।
   उधर दूसरी तरफ संसद में पहले से ही मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। इसको लेकर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दिल्ली सेवा बिल संसद में विपक्षी गठबंधन INDIA की एकता का पहला इम्तिहान होगा। वहीं, मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान कब हो, यह मंगलवार को ही तय किया जाएगा। हालंकि कि इस अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को कोई खतरा नहीं है, बस विपक्ष की प्रधानमंत्री को संसद में सुनने की इच्छा पूरी हो सकती है। हालांकि इससे पहले दिल्ली सेवा बिल के जरिए सरकार अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी।

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