चंद्रयान-3 ने चांद फतह कर रचा इतिहास… साउथ पोल पर यान उतारने वाला पहला देश बना भारत…

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चंद्रयान-3 की सफलता पर बोले पीएम मोदी- एक दिन वो भी आएगा, जब बच्चे कहा करेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं…

यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है- पीएम मोदी

टाकिंग पंजाब

नई दिल्ली। भारत के चंद्रयान-3 मिश्न ने पूरे विश्व में इतिहास रचते हुए चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। इस लैडिंग के साथ ही भारत चांद के साउथ पोल पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया है। चंद्रयान-3 के लैंडिंग की शुरुआत 5 बजकर 30 मिनट पर हुई। रफ लैंडिंग बेहद कामयाब रही व इसके बाद 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की, तब चंद्रयान-3 की चंद्रमा से दूरी 3 किमी रह गई थी। इसके 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से चंद्रयान-3 ने 25 किमी का सफर पूरा किया। फिर लैंडर को धीरे-धीरे नीचे उतारा गया व शाम 6 बजकर 04 मिनट पर लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखकर इतिहास रचा।
      चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग से जहां भारत का स्पेस पावर के रूप में उभरा है वहीं, साथ ही इसरो का दुनिया की अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के मुकाबले कद कहीं ऊंचा हो गया है। इस सफलता के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया, इसके साथ ही भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, हालांकि इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है।
      चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगे। चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.30 बजे लॉन्च किया गया था। इसरो के डायरेक्टर एस सोमनाथ ने कहा कि अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रज्ञान रोवर को बाहर आने में एक दिन का समय भी लग सकता है। प्रज्ञान हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा। हमारे कई मिशन कतार में हैं। जल्दी सूर्य पर आदित्य एल 1 भेजा जाएगा व गगनयान पर भी काम जारी है।
      भारत की इस शानदार सफलता पर बधाई देते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय व अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। हर देशवासी की तरह मेरा ध्यान चंद्रयान महाअभियान पर लगा हुआ है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं भी अपने देशवासियों के साथ, अपने परिवारजनों के साथ इस उमंग और उल्लास से जुड़ा हुआ हूं।
       भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचा है जहां आज तक कोई देश नहीं पहुंचा है। आज से चांद से जुड़े कई मिथक बदल जाएंगे। कथानक भी बदल जाएंगे व नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। भारत में तो हम सभी लोग धरती को मां कहते हैं और चांद को मामा बुलाते हैं। कभी कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं, अब एक दिन वो भी आएगा, जब बच्चे कहा करेंगे कि चंदा मामा बस एक टूर के हैं। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत की नई ऊर्जा, नई चेतना का है।
      यह क्षण भारत के उदीयमान भाग्य के आह्वान का है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा में सफलता की अमृत वर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी कहा कि वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के साथ इतिहास रच दिया है, जो जीवनकाल में एक बार होने वाली घटना है। मैं इसरो, चंद्रयान-3 मिशन में शामिल सभी लोगों को बधाई देती हूं और उन्हें आगे और बड़ी उपलब्धियां हासिल करने की शुभकामनाएं देती हूं। इतना ही नहीं, भारत की सफलता की प्रशंसा पूरा विश्व कर रहा है व भारत को अपनी शुभकामनाएं भेज रहा है।

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