‘चंदा मामा’ पर उतरने को तैयार चंद्रयान 3, शाम 6.04 बजे सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा विक्रम लैंडर

आज की ताजा खबर देश

रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका व चीन के बाद चंद्रमा पर रोवर उतारने वाला चौथा देश होगा भारत .. भारतीयों को है बेसर्बी से इंतजार 

टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 आज शाम चंद्रमा की सतह पर उतरने की तैयारी में है। इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 के लैंडिंग से पहले के 20 मिनट को भारत के लिए “टेरर के 20 मिनट” कहा है। आज शाम 6.04 बजे होने वाली चंद्रयान-3 की लैंडिंग का पूरे देश में लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए स्कूल खुले रहेंगे और अंतरिक्ष प्रेमी इस ऐतिहासिक क्षण की खुशी में पार्टियों का आयोजन कर रहे हैं।
    दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-3 की लैंडिंग के वक्त इसरो से वर्चुअली जुड़ेंगे। उधर रूस के मून मिशन लूना-25 की असफलता से सस्पेंस बढ़ गया है, जो रविवार को लैंडिंग के दौरान चंद्रमा की सतह पर क्रैश हो गया था। साल 2019 में, चंद्रयान -2 मिशन उसी क्षेत्र में सुरक्षित रूप से उतरने में विफल रहा था, जो गड्ढों और गहरी खाइयों से भरा है। अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने विश्वास जताया है कि लैंडिंग बिना किसी रुकावट के होगी, क्योंकि वैज्ञानिकों ने मिशन चंद्रयान-2 से कई सबक लिए हैं। इस लैंडिंग लाइव टेलीकास्ट शाम 5.20 बजे इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल व डीडी नेशनल पर शुरू होगा।
     शाम 6.04 बजे विक्रम लैंडर, रोवर प्रज्ञान को लेकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा। चंद्रयान-3 की लैंडिंग के स्थान का चयन सावधानी पूर्वक किया गया है। जिस क्षेत्र में पानी के निशान मिले हैं, उसमें चंद्र जल बर्फ की कुंजी होने की उम्मीद है, जो एक बेहद मूल्यवान संसाधन हो सकता है। चंद्रमा की सतह पर पानी है, इसका पता 2009 में इसरो के चंद्रयान-1 जांच पर नासा के एक उपकरण द्वारा लगाया गया था। चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी भविष्य के चंद्रमा मिशन के लिए एक आशा जगाती है। इसका उपयोग पीने के पानी के स्रोत के रूप में, उपकरणों को ठंडा करने और ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए किया जा सकता है।
इससे महासागरों की उत्पत्ति के बारे में भी सुराग मिल सकते हैं। रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा पर रोवर उतारने वाला चौथा देश होगा। चंद्रयान-3 की स्वीकृत लागत 250 करोड़ रुपये है। चंद्रयान-3 का डेवलपमेंट फेज जनवरी 2020 में शुरू हुआ, जिसे 2021 में लॉन्च करने की योजना थी, हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण मिशन के प्रोग्रेस में अप्रत्याशित देरी हुई। इसरो ने मंगलवार को कहा कि मिशन तय समय पर है और सिस्टम की नियमित जांच हो रही है। इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया कि मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (इसरो में) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है।
    इसरो ने लगभग 70 किमी की ऊंचाई से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें भी जारी की। चंद्रमा लैंडर को 14 जुलाई को एलवीएम 3 हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन पर लॉन्च किया गया था। इसे 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया था। आपको बता दें कि लैंडर विक्रम का नाम विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है, जिन्हें व्यापक रूप से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है। चंद्रयान मिशन के बाद इसरो के पास कई परियोजनाएँ हैं। उनमें से एक सूर्य का अध्ययन करने का मिशन व एक मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान है। सूत्रोें की माने तो सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-एल1, संभवतः सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च के लिए तैयार हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *