पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने नशे को ख़त्म करने के लिए मांगा समाज के सभी वर्गों का साथ

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राज्यपाल द्वारा की गई ‘नशा मुक्त- रंगला पंजाब’ अभियान के अंतर्गत नशे के ख़िलाफ़ दो दिवसीय पैदल यात्रा की शुरूआत

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जालंधर। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने गाँव ब्यास से ‘नशा मुक्त- रंगला पंजाब’ अभियान के अंतर्गत नशे के ख़िलाफ़ दो दिवसीय पैदल यात्रा की शुरुआत कर महिलाओं को इस सामाजिक बुराई के ख़िलाफ़ इकठ्ठे होने का न्योता दिया है। विश्व प्रसिद्ध धावक फौजा सिंह के घर से शुरू हुई इस यात्रा का नेतृत्व करते हुए राज्यपाल कटारिया ने कहा कि नशे की समस्या से निपटने के लिए सरकार अपने स्तर पर व्यापक यत्न कर रही है, लेकिन नशे को पूरी तरह ख़त्म करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को मिल कर प्रयास करने की ज़रूरत है। इसके लिए विशेषकर महिलाओं को आगे आकर नशे का विरोध करना चाहिए।        उन्होंने कहा कि नशे करने से न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य पर ही बुरा प्रभाव पड़ता है बल्कि उसके परिवार को भी इस बीमारी का श्राप भुगतना पड़ता है, जिसका ज़्यादा शिकार महिलाएं होती है। महिलाएं समाज की महत्वपूर्ण कड़ी है व नशे की समस्या के ख़ात्मे में बेहद प्रभावी भूमिका निभा सकती है। नशे करने वाला व्यक्ति नशे की पूर्ति के लिए अपराध के रास्ते पर भी चलने से गुरेज़ नहीं करता। कोई भी अभियान लोगों के सहयोग से बिना सफल नहीं हो सकता।         इंडियन रैड क्रास सोसायटी के सहयोग व सोशल वर्कर व प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह के सांझा यत्नों से निकाली गई यह पैदल यात्रा का नेतृत्व राज्यपाल पंजाब ने स्वंय पैदल चल कर किया। बुद्धवार 11 दिसंबर को गाँव भट्ठे से सुबह 10:30 बजे करीब 7 किलोमीटर दूरी तय कर यह यात्रा जंग-ए-आज़ादी करतारपुर में समाप्त होगी। करीब 113 वर्षीय धावक फौजा सिंह ने भी इस पैदल यात्रा में भाग लिया और करीब एक किलोमीटर पैदल चले। इस उपरांत राज्यपाल ने धावक फौजा सिंह को सम्मानित भी किया। स्कूलों के विद्यार्थियों ने पैदल यात्रा का हिस्सा बनते हाथों में बैनर और तख़्तियाँ पकड़ कर लोगों को नशे के ख़िलाफ़ जागरूकता का संदेश दिया।

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