बोटानिकल गार्डन का दौरा करते हुए विभिन्न प्रकार के पौधों के बारे में ली जानकारी
टाकिंग पंजाब
जालंधर। हंसराज महिला महाविद्यालय में पंजाब स्टेट काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नालिजी(पीएससीएसटी) के सौजन्य से 3 दिवसीय रेजीडेंशियल वर्कशाप ‘बिल्डिंग स्किल्स फॉर कंडक्टिंग नेचर कैंप’ के दूसरे दिन में बहुत सी गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस वर्कशाप के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रभावशाली नेचर कैंप आयोजित करने की ट्रेनिंग दी गई। प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने प्रतिभागियों को बधाई दी तथा ग्रीनर भविष्य के लिए उदाहरण सेट करने के लिए प्रेरित किया। विज्ञान प्रसार डीएसटी के पूर्व सीनियर वैज्ञानिक डॉ. बीके त्यागी ने हैंड्स-ऑन-लर्निंग पर जोर दिया तथा कहा कि प्रकृति के साथ गहरा रिश्ता जोडऩा आवश्यक है। डॉ. केएस बाठ, ज्वाइंट डायरेक्टर पीएससीएसटी ने ग्रीन भविष्य के प्रति प्रेरित किया। डॉ. अशाक हुसैन ने टैरारीयिमस बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया। कुलदीप ने अध्यापकों को ट्री मैप्स बनाने के प्रति शिक्षित किया। डॉ. मंदाकिनी ने एचएमवी तथा पीएससीएसटी के पर्यावरण के प्रति संयुक्त प्रयास की प्रशंसा की। नोडल आफिसर डॉ. अंजना भाटिया ने प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वह क्लासरूम में सीखी गई तकनीकों को प्रैक्टिकल तरीके से लागू करें ताकि ससटेनेबल भविष्य का निर्माण कर सकें। प्रतिभागियों ने पूरी तरह से नेचर स्टडी कैंप में भाग लेते हुए पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा की। बोटानिकल गार्डन का दौरा करते हुए उन्होंने विभिन्न प्रकार के पौधों के बारे में जानकारी एकत्र की। एचएमवी के वर्मीकमपोस्टिंग यूनिट से उन्होंने आर्गेनिक वेस्ट को कमपोस्ट में बदलने की प्रक्रिया की जानकारी हासिल की। इको-पार्क का दौरा उनके लिए लाइव लैबोरेटरी जैसा था। पेपर रीसाइक्लिंग यूनिट में उन्होंने पेपर को रीयूजेबल चीजों में बदलने की प्रक्रिया सीखी। प्रतिभागियों ने प्रैक्टिकल सेशन में खूब आनंद उठाया। प्रतिभागियों को नेचर कैंप आयोजन में प्रयोग होने वाले टूल्स व उपकरणों की भी जानकारी दी गई। मास्टर ट्रेनर्स को एंट हाउस बनाने, नेचर किट व उपकरण बनाने की ट्रेनिंग भी दी गई। दिन के समापन के दौरान प्रतिभागियों ने अपने अनुभव सांझे किए। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति शिक्षण में इस प्रकार के कैंप का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।