जस्टिन ट्रूडो ने अपने बेतुके फैसलों से कर रखा था भारतीय छात्रों की नाक में दम… अब बोले- पार्टी सांसदों की तरफ से था पद छोड़ने का दबाव
टाकिंग पंजाब
ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी सरकार और व्यक्तिगत आलोचनाओं के बीच बड़ा फैसला लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। देश को दिए अपने संबोधन में ट्रूडो ने अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि मैं नए नेता का चयन करने के बाद पार्टी नेता और प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने का इरादा रखता हूं। ट्रूडो ने बताया कि उन्होंने अपनी लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से नए नेता के चयन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है, और ये कि अगले नेता के चुनाव तक वह कार्यवाहक पीएम बने रहेंगे। ट्रूडो ने ओटावा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह देश अगले चुनाव में एक वास्तविक विकल्प का हकदार है, और यह मेरे लिए स्पष्ट हो गया है कि अगर मुझे आंतरिक लड़ाईलड़नीपड़ रही है, तो मैं उस चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता। उन्होनें आगे कहा कि एक नया प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी का नेता अगले चुनाव में अपने मूल्यों और आदर्शों को लेकर जाएगा। मैं आने वाले महीनों में इस प्रक्रिया को देखने के लिए उत्साहित हूं। सच तो यह है कि इस पर काम करने के तमाम कोशिशों के बावजूद, संसद महीनों से पंगु बनी हुई है। जस्टिन ट्रूडो ने बताया कि उन्होंने गवर्नर से मुलाकात की और उन्हें अपनी अगली योजना के बारे में बताया था। आज ही सुबह मैंने गवर्नर-जनरल को सलाह दी कि हमें संसद का नया सत्र बुलाने की जरूरत है। उन्होंने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और अब सदन 24 मार्च तक स्थगित रहेगा। गौरतलब है कि, कनाडाई संसद की कार्यवाही 27 जनवरी को फिर से शुरू होनी थी और विपक्षी दलों ने सरकार को जल्द से जल्द गिराने की कोशिश में थी। मसलन, विपक्षी पार्टियां ट्रूडो की लिबरल पार्टी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी, लेकिन अगर संसद 24 मार्च तक स्थगित रहता है तो विपक्षी पार्टियां मई महीने तक संसद में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। वहीं अक्टूबर महीने तक कनाडा में आम चुनाव हो सकते हैं।