सत्ता परिवर्तन से डरे सुखबीर बादल ने की बागियों से निपटने की तैयारी 

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पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन..

क्या अयाली चल रहे हैं एकनाश शिंदे की राह.. बना रहे हैं विधायकों से राफता

टाकिंग पंजाब

चंडीगड़। विधानसभा चुनावों में लगातार दूसरी बार मिली करारी हार के बाद शिरोमणि अकाली दल में सब कुछ ठीक नहीं है। चुनाव में पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व पार्टी प्रधान सुखबीर बादल समेत तमाम दिग्गजों के हार जाने के बाद अकाली दल के कई नेता बगावत पर उतर आएं हैं, जिनमें प्रमुख नाम विधायक मनप्रीत अयाली का माना जा रहा है। हार के लिए पार्टी के नेतृत्व पर जब सवाल उठने लगे तो समीक्षा के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता इकबाल झूंदा की अगुवाई में कमेटी बनाई गई, जिसकी रिपोर्ट हाल ही में पेश की गई। अकाली दल का दावा है कि इसमें पार्टी प्रधान को बदलने की बात नहीं की गई है। सुखबीर बादल ने प्रधान के तौर पर पार्टी की पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया, लेकिन इसके बाद भी पार्टी में बगावत जारी है। पार्टी के विधायक मनप्रीत अयाली पहले ही राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार कर बगावत को हवा दे चुके हैं।

पार्टी प्रधान सुखबीर बादल को इस बात का इल्म है कि अगर बगावत को अभी न रोका गया तो कहीं उन्‍की पार्टी का हाल भी शिव सेना जैसा न हो जाए, जिसके चलते शिरोमणि अकाली दल में बढ़ती बगावत को देखते हुए पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने भी बागियों से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसका चेयरमैन पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका को बनाया गया है। इसमें शरणजीत ढिल्लों, विरसा सिंह वल्टोहा, मनतार सिंह बराड़ और डॉ. सुखविंदर सुक्खी को भी रखा गया है।

 कहीं अयाली तो नहीं चल पड़े शिव सेना नेता एकनाथ शिंदे की राह 

   उधर दूसरी तरफ अकाली दल में बागी तेवर दिखाने वाले विधायक मनप्रीत अयाली लगातार पार्टी के दूसरे नेताओं से मिलकर बैठकें कर रहे हैं। इतना ही नहीं, सूत्रों की माने तो पार्टी के नेता गुपचुप तरीके से अयाली को समर्थन भी दे रहे हैं। हालांकि अयाली यह कह रहे हैं कि उनका एक ही एजेंडा है कि शिअद को मजबूत कैसे किया जाए। लेकिन जिस तरह से आजकल देश के कईं राज्यों में सरकार के सहयोगी ही सरकार गिरा रहे हैं, उससे पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल का चौकन्ना होना लाजमी है, नहीं तो ऐसा न हो कि विधायक मनप्रीत अयाली भी शिव सेना नेता व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की राह पकड़ लें।

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