आईएमए की चेतावनी का नहीं हुआ पुलिस प्रशासन पर असर..डॉ. जौहल पर एफआईआर बरकरार..

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हड़ताल पर गए निजी अस्पतालों के सभी डॉक्टर..ओपीडी सेवाएं तुरंत प्रभाव से बंद

गुस्साए डॉक्टरों ने किया पुलिस व आप सरकार खिलाफ प्रर्दशन..ऐमरजेंसी सेवाएं बंद करने की दी चेतावनी..

टाकिंग पंजाब

जालंधर। जौहल अस्पताल के मालिक डॉ. बीएस जौहल के खिलाफ एट्रोसिटी यानि कि एससीएसटी एक्ट में गैर जमानती धाराओं के तहत केस दर्ज हो जाने के मामले को धक्केशाही करार देते हुए सभी डॉक्टर आज से हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों ने निजी अस्पतालों में अपनी सेवाएं तुरंत प्रभाव से बंद कर दी हैं। डॉक्टरों की संस्था आईएमए ने इकट्ठे होकर सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी के नेताओं व मामला दर्ज करवाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

  इस संबंध में आईएमए के पदाधिकारियों व पैरा मेडिकल स्टाफ ने पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर रोष प्रदर्शन किया। डाक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ ने अपने हाथों में पुलिस प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थीं। इस दौरान डॉक्टरों व पैरा मैडीकल स्टाफ ने सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

  आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नवजोत दहिया, आईएमए प्रधान डॉ. अलोक, डॉ. सुषमा चावला आदि ने कहा है कि अगर सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले समय में कोई भी डॉ. ओपीडी बंद करने के साथ-साथ इमरजेंसी केस लेने से भी मना कर देंगे। इसके बाद जो भी परेशानियां जनता को होंगी, उन सबकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

   इससे पहले आईएमए के सदस्य पुलिस कमिश्नर गुरशरण सिंह संधू से भी मिले थे व सभी ने एक ज्ञापन सीपी को सौंप कर डॉ. जौहल के खिलाफ एफआरआई को रद्द करने की मांग की थी। आईएमए का कहना था कि यह मामला राजनीतिक द्वेष की भावना से दर्ज किया गया है। इस दौरान आईएमए ने चेतावनी दी थी कि अगर मामला रद्द न हुआ तो वह निजी अस्पतालों की ओपीडी बंद कर देंगे।

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