भारत ने दिया था मुंह तोड़ जवाब, पाकिस्तान के अंदर घुसकर किया था उसके आतंकी ठिकानों को नष्ट
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। आज से 4 साल पहले 14 फरवरी के दिन जहां हमारे ही देश के लोग वैलेंटाईन डे मनाने मनाने में मशगूल थे, तो दूसरी तरफ इस दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि इस हमले के बाद भारत ने जिस तरह से पाकिस्तान को सबक सिखाया वो पाक को उम्र भर याद रहेगा। भारत ने इस हमले का जवाब बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में दिया था। भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर उसके आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। आईए आज इस हमले में शहीद हुए जवानों की शहादत के बारे में जानते हैं कि आखिर 14 फरवरी 2019 को क्या हुआ था व उस हमले के बाद क्या-क्या हुआ। वह तारीख थी 14 फरवरी और साल 2019, जब जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर सीआरपीएफ का काफिला जा रहा था। इस काफिले में अधिकतर बसें थीं, जिनमें जवान बैठे थे। यह काफिला जब पुलवामा पहुंचा, तभी दूसरी तरफ से एक कार आई व काफिले की एक बस में टक्कर मार दी। जिस कार ने बस में टक्कर मारी, उसमें भारी मात्रा में विस्फोटक रखा था। ऐसे में टक्कर होते ही विस्फोट हुआ व इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
हमले के बाद भारत ने ऐसे सिखाया था पाक को सबक
पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई कड़े कदम उठाए। इन कदमों ने पाक को काफी नुकसान पहुंचाया था। इस हमले का बदला लेने के लिए 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना पाकिस्तान के बालाकोट में दाखिल हुई व एयर स्ट्राइक के जरिये आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया। 27 फरवरी को पाकिस्तान की वायु सेना भारत को जवाब देने के लिए जम्मू कश्मीर में घुसती है व हवाई हमला करती है, लेकिन भारत की वायुसेना उसका पूरा जवाब देती है। हालांकि इस दौरान भारतीय मिग-21 पाकिस्तानी सेना के हमले की चपेट में आ जाता है व पाकिस्तान में गिर जाता है। इसके बाद मिग-21 के पायलट अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तानी सैनिक पकड़ लेते हैं। इसके बाद 1 मार्च 2019 को अमेरिका व अन्य देशों के दबाव की वजह से पाकिस्तानी सेना अभिनंदर वर्धमान को रिहा कर देती है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से सभी व्यापारिक रिश्ते खत्म कर दिए थे। यही नहीं भारत की तरफ से पाक से सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा भी वापस ले लिया गया। इससे पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर काफी नुकसान उठाना पड़ा था।