7 हजार पेज की चार्जशीट कोर्ट में पेश …पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी, पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को भी आरोपी बना चुकी है सिट
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। साल 2015 में फरीदकोट में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की हुई बेअदबी के मामले में सिख समुदाय की तरफ से किए गए प्रदर्शन दौरान पुलिस ने फायरिंग कर दी थी। इसमें कुछ सिख समाज के लोगों की मौत भी हुई थी। इस मामले में अकाली दल के सुप्रीमों सुखबीर बादल व पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी से भी पूछताछ हुई थी। अब पंजाब पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानि कि सिट ने बेअदबी से जुड़े कोटकपूरा गोलीकांड मामले की जांच में तेज कर दी है। इस मामले में एडीजीपी एलके यादव की अगुवाई में बनी सिट ने पूर्व एडीजीपी रोहित चौधरी, पूर्व डीआईजी आरएस खटड़ा व उस समय के सीएम प्रकाश सिंह बादल के प्रमुख सचिव गगनदीप बराड़ को तलब किया है। इन तीनों को चंडीगढ़ के सेक्टर 32 में एसआईटी ने पूछताछ के लिए बुलाया है। इसी मामले में सिट कोर्ट में 7 हजार पेज की चार्जशीट पेश कर चुकी है, जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल व पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को मास्टरमाइंड करार दिया गया है। इसमें पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को भी आरोपी बनाया गया है। एसआईटी की तरफ से पेश चार्जशीट के मुताबिक बेअदबी की हुई तीनों घटनाओं में लापरवाही को छिपाने के लिए तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर बादल व डीजीपी सुमेध सैनी ने गैरकानूनी ताकत इस्तेमाल करने की साजिश रची। तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल को भी इस साजिश में मदद करने का आरोपी बनाया गया है। चालान के मुताबिक तत्कालीन आईजी परम राज उमरानंगल, डीआईजी अमर सिंह चहल, एसएसपी चरणजीत सिंह को आरोपी बनाया गया है। एसएसपी सुखमंदर सिंह मान को साजिश को छिपाने के साथ-साथ तथ्यों को छिपाने का आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा एसएचओ गुरदीप सिंह को भी तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने व कोटकपूरा के पूर्व विधायक मनतार सिंह बराड़ को भी आरोपी बनाया गया है। अब इन तीनों को सिट के सामने पेश होने से इस मामले में चल रही जांच में कुछ कड़ीयां जुड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। फरीदकोट में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की हुई बेअदबी के दोषियों को सजा व इसके बाद हुए गोलीकांड में मारे गए लोगों को इंसाफ मिलने का सिख समाज लंबे समय से इंतजार कर रहा है।