Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the news-portal domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\cavarunsharma.in\talkingpunjab.in\wp-includes\functions.php on line 6131 शंभू बार्डर पर धरना दे रहे किसानों व पुलिस के बीच हुई धक्का मुक्की.. किसानों ने रेल ट्रेक किया जाम – My CMS
युवा नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं किसान … 34 ट्रेने हुई प्रभावित हुई हैं, 11 ट्रेनों को पूरी तरह से किया कैंसिल
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ। अपनी अन्य मांगो के साथ साथ युवा नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे किसानों की आज पुलिस के साथ खूब धक्का मुक्की हुई। इस दौरान किसानों ने पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर आंदोलन शुरू कर दिया है व शंभू रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया है। किसान बॉर्डर पर नेशनल हाईवे बंद कर डटे हुए हैं किसानों ने शंभू बॉर्डर के पास ही रेलवे ट्रैक पर धरना लगा दिया हैं। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे पुलिस-किसानों की धक्कामुक्की हुई। मगर, किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और ट्रैक पर बैठ गए। किसानों का कहना है कि वह लंबे समय से सरकार से युवा नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में पहले उनकी हरियाणा और पंजाब सरकार से मीटिंग हुई थी, जिसके बाद रिहाई का भरोसा मिला था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद किसानों ने सरकार को 16 अप्रैल तक का समय दिया था, लेकिन सरकार ने युवा नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत 3 किसानों को रिहा नहीं किया, जिसके कारण किसान ट्रैक पर उतर आए हैं। किसानों के इस प्रदर्शन के चलते 34 ट्रेन प्रभावित हुई हैं, जिसमें से 11 ट्रेनों को पूरी तरह से कैंसिल किया गया है, जबकि कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए हैं तो कुछ के रूट शॉर्ट किए गए हैं। उधर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने भरोसा देकर भी उन्हें रिहा नहीं किया। हमारा किसान साथी जेल में मरणव्रत पर बैठा है। जब तक सरकार उसे रिहा नहीं करती, हम ट्रैक खाली नहीं करेंगे। अगर सरकार अभी रिहा कर दे तो हम 10 मिनट में हट जाएंगे। आम लोगों की परेशानी को लेकर डल्लेवाल ने कहा कि हमारा साथी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है, इसमें लोग हमें सहयोग करें। आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि हम रेल नहीं रोकना चाहते थे। मगर, हमें इसके लिए मजबूर करना सरकार का फेलियर है। सरकार ने 16 अप्रैल तक रिहाई का भरोसा देकर वादाखिलाफी की है। उन्होंने कहा कि रेल रोको आंदोलन अनिश्चितकाल के लिए रहेगा। पंधेर ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान हम भाजपा के साथ-साथ विपक्ष को भी सवाल पूछेंगे। उनसे लखीमपुर खीरी और शुभकरण मसले पर दोषियों को कैसे सजा दिलवाएंगे ? इस बारे में सवाल किए जाएंगे। पंधेर ने कहा कि विपक्ष ने भी कुछ मांगों पर क्लियर नहीं किया है। इसमें विशेष तौर पर मनरेगा में एक साल में 200 दिन काम और 700 रुपए के हिसाब से दिहाड़ी शामिल है।