Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the news-portal domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\cavarunsharma.in\talkingpunjab.in\wp-includes\functions.php on line 6121 पाकिस्तान ने हमेशा धोखा दिया.. शपथ समारोह में पाक पीएम को बुला शांति चाही, दुश्मनी मिली – My CMS
अमेरिकन एआई रिसर्चर के पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कही दिल की बात… ट्रम्प कोन बताया साहसी लीडर
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। साल 2014 में मैं जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाला था तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। उम्मीद थी कि दोनों देश एक नया अध्याय शुरू करेंगे। हालांकि, शांति के हर नेक प्रयास का सामना दुश्मनी और विश्वासघात से हुआ। शांति की हर कोशिश के बदले दुश्मनी ही मिली। पाकिस्तान के लोग शांति चाहते हैं। वह भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहने से थक गए होंगे। हम आशा करते हैं कि पाकिस्तान को एक दिन सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का रास्ता अपनाएगा। इन बातों का प्रग्टावा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकन एआई रिसर्चर लेक्सफ्रिडमैन के साथ एक इंटरव्यू दौरान किया। इस दौरान पीएम ने पाकिस्तान, चीन, ट्रम्प, विश्व राजनीति समेत निजी जीवन से जुड़े सवालों के जवाब दिए। पाक पर बोलने के बाद पीएम ने चीन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी के साथ मेरी बैठक के बाद हमने सीमा पर सामान्य स्थिति की वापसी देखी है। हम 2020 से पहले के स्तर पर स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। विश्वास में समय लगेगा, लेकिन हम बातचीत के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। भारत और चीन को स्वाभाविक रूप से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, टकराव नहीं।अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर मोदी बोले कि कोविड ने हर देश की सीमाओं को उजागर किया है। वैश्विक नियमों को लागू करने में संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन विफल रहे। जो लोग कानूनों की अनदेखी करते हैं, उन्हें कोई परिणाम नहीं भुगतना पड़ता। गुजरात दंगों व आरएसएस पर पीएम ने कहा कि 24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार निर्वाचित प्रतिनिधि बना व 27 फरवरी, 2002 को गोधरा कांड हुआ, जिसने प्रदेश में हिंसा भड़का दी। गुजरात में 2002 से पहले भी 250 से अधिक दंगे हो चुके थे। 1969 का दंगा छह महीने तक चला था। 2002 के दंगे दुखद थे, लेकिन उसके बाद राज्य में स्थायी शांति बनी। सरकार के खिलाफ कई आरोप लगाए गए, लेकिन न्यायपालिका ने दो बार जांच के बाद उन्हें निर्दोष करार दिया। इस दौरान उन्होंने आरएसएस पर कहा कि आरएसए ने देश के लिए जीना सिखाया है। आरएसए में हमें जो मूल्य सिखाया गया, उनमें से एक यह था कि आप जो भी करें, उसे उद्देश्यपूर्ण तरीके से करें। आप पढ़ाई करते हैं, तो राष्ट्र के लिए योगदान देने के लिए पर्याप्त सीखने के लक्ष्य के साथ पढ़ाई करें। आप व्यायाम करते हैं, तो राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपने शरीर को मजबूत बनाने के उद्देश्य से करें। यही हमें सिखाया गया था। इन सभी मुद्दों के अलावा पीएम मोदी ने महात्मा गांधी पर भी बात की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी सिर्फ 20वीं सदी नहीं हर सदी के महान नेता हैं। जहां तक मोदी का सवाल है मेरे पास एक दायित्व है, लेकिन दायित्व इतना बड़ा नहीं है जितना देश बड़ा है। मेरी ताकत मोदी नहीं, 140 करोड़ देशवासी हैं। मैं जहां भी जाता हूं, वहां मोदी नहीं जाता वहां 140 करोड़ लोगों का विश्वास जाता है। इसलिए मैं दुनिया के किसी नेता से हाथ मिलाता हूं तो मोदी हाथ नहीं मिलाता है। 140 करोड़ लोगों का हाथ होता है। यह सामर्थय मोदी का नहीं भारत का है। मैं स्वभाव से ही बहुत आशावादी व्यक्ति हूं। निराशावाद व नकारात्मकता मेरे सॉफ्टवेयर में नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रपति पर बोलेते हुए पीएम ने कहा कि ट्रम्प साहसी व्यक्ति है व वो अपने फैसले खुद लेते हैं। ह्यूस्टन में एक प्रोग्राम था हाउडी मोदी। अमेरिका में इतनी बड़ी भीड़ का इकट्ठा होना ही एक बहुत बड़ा मौका था। मैं भाषण दे रहा था। मैं भाषण दे रहा था व ट्रम्प नीचे बैठकर सुन रहे थे। यह उनका बड़प्पन है कि अमेरिका का राष्ट्रपति स्टेडियम में भीड़ के बीच नीचे बैठकर सुन रहा है। मैं भाषण देने के बाद ट्र्म्प के पास गया व ऐसे ही उनसे कहा कि क्यों न हम दोनों एक साथ इस स्टेडियम का एक चक्कर लगाएं। बहुत सारे लोग हैं यहां चलते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं। अमेरिकी जीवन में यह बात आपके लिए असंभव सी है कि राष्ट्रपति हजारों की भीड़ में चले, लेकिन ट्रम्प बिना एक पल भी इंतजार किए मेरे साथ चल पड़े। ट्रम्प के पास साहस है और वो अपने फैसले खुद लेते हैं। खुद के बारे में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बचपन में मेरे घर में कोई खिड़की भी नहीं थी। हमने कभी गरीबी का बोझ फील नहीं किया। मेरे मामा ने मुझे कैनवास के जूते खरीदकर दिए थे। उस पर दाग लग जाते थे तो स्कूल से चॉक के टुकड़े लाकर उन्हें घोलकर सफेद जूतों पर पॉलिश कर लेता था। मुझे कपड़े वगैरह भी ढंग से पहनने की आदत है। हमारे पास प्रेस कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। मैं तांबे के लोटे में गर्म पानी करके उसे चिमटे से पकड़कर कपड़ों में प्रेस कर लेता था। मैं कभी अकेलापन महसूस नहीं करता हूं, क्योंकि मैं हमेशा 1+1 की थ्योरी को मानता हूं। यह थ्योरी मेरा सात्विक समर्थन करती है। कोई पूछेगा कि यह 1+1 क्या है। इसमें पहला वन मोदी है और दूसरा वन ईश्वर है। मैं अकेला कभी नहीं होता, वो हमेशा मेरे साथ रहता है। मैं हमेशा उसी भाव से काम करता हूं। नर सेवा ही नारायण सेवा है।