आयुर्वेद’ के महान ज्ञाता थे वैद्य बिशंभर दत्ता.. उनके पास थी इलाज की प्राचीनतम व अनमोल पद्धति

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उनके आयुर्वेद ज्ञान की परम्परा को वैद्य विश्वा दत्ता व उनके सुपुत्र रविंदर दता ने बखूबी बढ़ाया आगे..

अब डॉ. अतुल दत्ता कर रहे है मरीजों की सेवा..

टाकिंग पंजाब

जालंधर। हमारा देश ऋषियों मुनियों का देश है। इस देश में ऐसे ऐसे महान आयुर्वेद के महान ज्ञाता हुए है, जो कि हर मर्ज को चुटकीयों में ठीक कर देते थे। ऐसे ही आयुर्वेद’ के महान ज्ञाता थे वैद्य बिशंभर दत्त जी.. जो अपने जीवन की सबसे बड़ी पूंजी इंसान की सेवा करना ही मानते थे। उन्होंने आयुर्वेद के जरिए न सिर्फ हजारों रोगियों को रोगमुक्त किया बल्कि समाज को एक नई दिशा भी दिखाई। उन्होंने अपने जीवन में कभी धन को प्राथमिकता नहीं दी, वह तो बस तन-मन से इंसान की सेवा को ही प्राथमिकता देते थे। उस महान आयुर्वेद के ज्ञाता को आज भी जालंधर शहर ही नहीं, पूरे पंजाब में लोग श्रद्धा से याद करते हैं।        इसके बाद उन्होंने वर्ष 1925 में जालंधर में खड़ाका आयुर्वेदिक औषद्यालय की स्थापना की। वैद्य बिशंभर दत्त ने वर्षों तक मरीजों की नि:स्वार्थ सेवा की। उन्होंने अपने आयुर्वेदिक ज्ञान से कई रोगों के लिए चमत्कारी दवाएं भी बनाई। इन सभी आयुर्वेदिक औषधियों का असर बहुत ही उत्तम था और रोगियों ने स्वयं उनकी प्रभावशीलता को महसूस किया। उन्होंने बहुत से चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया और समाज सेवा में सदा अग्रणी रहे। उनके बाद उनके पुत्र वैद्य विश्वा दत्ता ने भी अपने पिता के पदचिह्नों पर चलकर आयुर्वेद की सेवा को ही अपना उद्देश्य बनाया।       वैद्य विश्वा दत्ता ने योगीराज आयुर्वेदिक औषद्यालय की स्थापना की जो की किशनपुरा में स्तिथ है। वैद्य विश्व दत्ता ने भी हजारों रोगियों को ठीक किया। उसको आगे बढ़ाते हुए वैद्य विश्व दत्ता के पुत्र वैद रविंदर दत्ता ने इसको दत्ता आयुर्वेदिक क्लिनिक में स्थापित किया। इस सेवा की परंपरा को चौथी पीढ़ी के वैद्य रविंदर दत्ता व उनके सुपुत्र अतुल दत्ता ने आगे बढ़ाया व वैद्य बिशंभर दत्त जी के सिद्धांतों को अपनाया ताकि लोगों को बेहतर इलाज मिल सके। वैद्य रविंदर दत्ता व डॉ अतुल दत्ता ने अपने बाप व दादा की विरासत को संभालते हुए कई रोगियों का इस आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज किया।        उन्होंने करीब चार दशकों तक लोगों की सेवा की। वैद्य रविंदर दत्ता लोगों की सेवा करते हुए हाल ही में परमपिता परमात्मा के चरणो में विराजमान हो गए है। वैद्य रविंदर दत्ता जो कि जालंधर के किशनपुरा चौक पर स्थित दत्ता आयुर्वेदा क्लिनिक में करीब चार दशकों से इलाज की प्राचीनतम पद्धति से मरीजों का इलाज किया करते थे, अब उनकी विरासत को उनके बेटे डॉ. अतुल दत्ता उतनी ही शिद्दत से संभाल रहे है व मरीजों की सेवा कर रहे है। दत्ता परिवार हमेशा से ही लोगों की सेवा को समर्पित रहा है व आज भी उनका बेटा डॉ. अतुल दत्ता लोगों की सेवा में अग्रसर है।

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