Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the news-portal domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in C:\inetpub\vhosts\cavarunsharma.in\talkingpunjab.in\wp-includes\functions.php on line 6131 सीटी ग्रुप में इटली के विशेषज्ञों ने छात्रों को सिखाए स्पाइनल उपचार के गुण – My CMS
उपाध्यक्ष हरप्रीत सिंह व प्रबंध निदेशक डॉ. मनबीर सिंह ने प्रशिक्षकों को किया सम्मानित
टाकिंग पंजाब
जालंधर। सीटी इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज के फिजियोथेरेपी विभाग द्वारा शाहपुर कैंपस में “स्पाइनलमैनिपुलेशन टेक्निक्स- सर्वाइकल, थोरैसिक, लम्बर एंड पेल्विस” विषय पर दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक डॉ. क्रिश्चियनविलेला (इटली), डॉ. मार्टास्टैनकारी (इटली) और डॉ. चिराग रहे, जिन्होंने रीढ़ की हड्डी के मैनिपुलेशन और उन्नत मैनुअल थेरेपी तकनीकों पर अपना वैश्विक विशेषज्ञता साझा की। उन्होंने प्रभावशाली लाइव प्रदर्शन और इंटरैक्टिव सत्र आयोजित कर छात्रों को उन्नत फिजियोथेरेपी कौशल का व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया। सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, जीएनए यूनिवर्सिटी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और क्षेत्र के कई अन्य फिजियोथेरेपी स्कूलों और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने इस कार्यशाला में भाग लिया। सभी प्रतिभागियों को अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धि के प्रमाणपत्र प्रदान किए गए, जिससे उन्हें मूल्यवान वैश्विक प्रदर्शन और कौशल वृद्धि का अवसर प्राप्त हुआ। इस उद्घाटन समारोह की शोभा सीटी ग्रुप के चेयरमैन और सीटी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति चरणजीत सिंह चन्नी, कैंपस निदेशक डॉ. शिव कुमार, निदेशक अकादमिक संचालन डॉ. संग्राम, प्रिंसिपल सीटीआईएचएस डॉ. सीमा अरोड़ा, फिजियोथेरेपी विभाग के प्रमुख डॉ. अरुण, सहायक डीन डॉ. अन्ना एवं अन्य विद्वान फैकल्टी सदस्यों ने बढ़ाई। कार्यक्रम की शुरुआत ग्रीन वेलकम, दीप प्रज्वलन और सम्मान के शॉल भेंट करके की गई। उपाध्यक्ष हरप्रीत सिंह और सीटी ग्रुप के प्रबंध निदेशक एवं सीटी यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डॉ. मनबीर सिंह ने भी प्रशिक्षकों के साथ संवाद किया और उन्हें स्मारिकाएं भेंट कर सम्मानित किया, उनके सहयोग की सराहना करते हुए इस पहल को “एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक उपलब्धि” बताया।