पंजाब सरकार ने केंद्र को भेजी अमृतपाल की रिपोर्ट ..रिपोर्ट में अमृतपाल के पाकिस्तानी लिंक्स को किया प्रमुख्ता से उजागर
टाकिंग पंजाब
अमृतसर। अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब व केंद्र सरकार काफी गंभीर नजर आ रहे हैं। इस मामले में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर ने पंजाब सरकार से अमृतपाल सिंह के फरार होने से लेकर गिरफ्तार तक की पूरी रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के अलावा एमएचए ने अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद उसे पनहा देने वालों, अमृतपाल की लोकेशन मूवमेंट का का पूरा ब्योरा मांगा है। कहा जा रहा है कि पंजाब सरकार ने यह पूरा रिकार्ड एमएचए के हवाले कर भी दिया है। इसके अलावा नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने भी इस संबंधी अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट को एमएचए को सौंप दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार अमृतपाल सिंह फरार होने के दौरान विदेशी नंबर का यूज कर रहा था। अमृतपाल सिंह वॉट्सऐप कॉलिंग के जरिए अपने साथियों के लिंक में भी था। रिपोर्ट के अनुसार अमृतपाल सिंह को फंडिंग व उसके आईएसआई से संबंधों का जिक्र भी किया गया है। इसके अलावा अमृतपाल सिंह के गिरफ्तार होने के बाद उससे हुई पूछताछ के बारे में भी एमएचए को बता दिया गया है। पंजाब सरकार ने इस रिपोर्ट में अमृतपाल सिंह के पाकिस्तानी लिंक्स को प्रमुख्ता से उजागर किया है।
दरअसल एमएचआई इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर है। एमएचआई मात्र अमृतपाल सिंह या उसके साथियों की गिरफ्तारी तक ही सीमित नहीं रहना चाहती है, बल्कि उन चेहरों तक पहुंचना चाहती है, जो पर्दे के पीछे बैठ कर अमृतपाल सिंह की मदद कर रहे थे। जांच में यह सामने आया है कि अमृतपाल सिंह फरार होने के बाद विदेशी नंबर के जरिए अपने चाहने वालों के साथ लिंक था। उसने कनाडा का एक नंबर लिया था। वह बिना कोई सिम डाले फोन पर वॉट्सऐप चला रहा था, ताकि पुलिस उसे ट्रेस न कर सके। इससे जाहिर है कि अमृतपाल सिंह की कोई विदेश से मदद कर रहा था व वह विदेशे में बैठे अपने समर्थकों के साथ लिंक में था। आपको बता दें कि 18 मार्च को पुलिस के चलाए गिरफ्तारी ऑपरेशन के दौरान फरार हुआ अमृतपाल 36 दिन बाद रोडे गांव के अंदर बने गुरुद्वारा संत खालसा में पहुंचा। उसने यहां पाठ किया और मौजूद संगत को प्रवचन भी दिए। इसके बाद गुरुद्वारे से बाहर निकलने पर पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उसके समर्थकों का कहना है कि अमृतपाल सिंह के खुद को पुलिस के सामने सरेंडर किया है, जबकि पुलिस के उच्च अधिकारियो का कहना है कि उन्होंने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया है। अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के बाद उस पर एनएसए लगाकर आसाम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया है, जहां पर उसका मुख्य साथी पपलप्रीत सिंह व अन्य कईँ साथी भी कैद में है।
अमृतसर। अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब व केंद्र सरकार काफी गंभीर नजर आ रहे हैं। इस मामले में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर ने पंजाब सरकार से अमृतपाल सिंह के फरार होने से लेकर गिरफ्तार तक की पूरी रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट के अलावा एमएचए ने अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद उसे पनहा देने वालों, अमृतपाल की लोकेशन मूवमेंट का का पूरा ब्योरा मांगा है। कहा जा रहा है कि पंजाब सरकार ने यह पूरा रिकार्ड एमएचए के हवाले कर भी दिया है। इसके अलावा नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने भी इस संबंधी अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट को एमएचए को सौंप दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार अमृतपाल सिंह फरार होने के दौरान विदेशी नंबर का यूज कर रहा था। अमृतपाल सिंह वॉट्सऐप कॉलिंग के जरिए अपने साथियों के लिंक में भी था। रिपोर्ट के अनुसार अमृतपाल सिंह को फंडिंग व उसके आईएसआई से संबंधों का जिक्र भी किया गया है। इसके अलावा अमृतपाल सिंह के गिरफ्तार होने के बाद उससे हुई पूछताछ के बारे में भी एमएचए को बता दिया गया है। पंजाब सरकार ने इस रिपोर्ट में अमृतपाल सिंह के पाकिस्तानी लिंक्स को प्रमुख्ता से उजागर किया है।
दरअसल एमएचआई इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर है। एमएचआई मात्र अमृतपाल सिंह या उसके साथियों की गिरफ्तारी तक ही सीमित नहीं रहना चाहती है, बल्कि उन चेहरों तक पहुंचना चाहती है, जो पर्दे के पीछे बैठ कर अमृतपाल सिंह की मदद कर रहे थे। जांच में यह सामने आया है कि अमृतपाल सिंह फरार होने के बाद विदेशी नंबर के जरिए अपने चाहने वालों के साथ लिंक था। उसने कनाडा का एक नंबर लिया था। वह बिना कोई सिम डाले फोन पर वॉट्सऐप चला रहा था, ताकि पुलिस उसे ट्रेस न कर सके। इससे जाहिर है कि अमृतपाल सिंह की कोई विदेश से मदद कर रहा था व वह विदेशे में बैठे अपने समर्थकों के साथ लिंक में था। आपको बता दें कि 18 मार्च को पुलिस के चलाए गिरफ्तारी ऑपरेशन के दौरान फरार हुआ अमृतपाल 36 दिन बाद रोडे गांव के अंदर बने गुरुद्वारा संत खालसा में पहुंचा। उसने यहां पाठ किया और मौजूद संगत को प्रवचन भी दिए। इसके बाद गुरुद्वारे से बाहर निकलने पर पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उसके समर्थकों का कहना है कि अमृतपाल सिंह के खुद को पुलिस के सामने सरेंडर किया है, जबकि पुलिस के उच्च अधिकारियो का कहना है कि उन्होंने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया है। अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के बाद उस पर एनएसए लगाकर आसाम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया है, जहां पर उसका मुख्य साथी पपलप्रीत सिंह व अन्य कईँ साथी भी कैद में है।