कड़े सुरक्ष बंदोबस्त के बीच कश्मीर में जी-20 की शुरूआत .. पाक व चीन नहीं होंगे इस सम्मेलन का हिस्सा 

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सम्मेलन में जी-20 सदस्य राष्ट्रों में 17 व आमंत्रित अतिथि देशों में से 8 राष्ट्रों समेत कुल 25 देशों के प्रतिनिधि ले रहे हैं भाग

टाकिंग पंजाब

श्रीनगर। दुनिया की ऐसी जगह जिसे दुनिया का स्वर्ग कहा जाता है, उस स्वर्ग में जी -20 सम्मेलन की शुरूआत होने जा रही है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में जी-20 पर्यटन कार्यसमूह का सम्मेलन शुरु हो रहा है। तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में जी-20 सदस्य राष्ट्रों में 17 व आमंत्रित अतिथि देशों में से आठ राष्ट्रों समेत कुल 25 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कश्मीर घाटी में वर्ष 1986 के बाद यह अपनी तरह का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन है। इस सम्मेलन की सुरक्षा के लिए सभी इंतजाम कड़े किए गए हैं। सुरक्षा हेतु डल झील में नौंसेना का मार्कोस दस्ता व सीआरपीएफ के वाटर विंग के जवान तैनात किए गए हैं।    श्रीनगर एयरपोर्ट पर प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्‍वागत किया जा रहा है। यहीं पर तीसरी टीडब्ल्यूजी बैठक 22 से 24 मई, 2023 को आयोजित की जा रही है। इस जी-20 सम्‍मेलन में 25 देशों के 60 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस सम्मेलन के जरिए दुनिया खुद देखेगी कि कश्मीर में किस तरह के बदलाव हुए हैं। यहां आने वाले मेहमानों को यह भी दिखाया जाएगा कि घाटी में अमन बहाली हो चुकी है और अब यह दुनिया के हर हिस्से से आने वाले टूरिस्ट के लिए पूरी तरह महफूज है। माना जा रहा है कि यह जी-20 सम्मेलन जम्‍मू और कश्‍मीर के विकास को बढ़ावा देगा। यह जी-20 शिखर सम्मेलन सभी क्षेत्रों में जम्मू व कश्मीर के विकास को बढ़ावा देता है। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलताहै जिससे केंद्र शासित प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा होगा।      इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए आ रहे प्रतिनिधियों के स्‍वागत के लिए श्रीनगर शहर की दीवारों और सड़कों को सजाया गया है। कश्मीर के लोग भी श्रीनगर में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के स्वागत के लिए तैयार हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर के युवाओं को पूरा भरोसा है कि इस मीटिंग के बाद कश्मीर में फॉरेन टूरिस्ट की तादाद काफी तेजी से बढ़ेगी। जम्मू-कश्मीर की हैंडलूम इंडस्ट्री, पश्मीना शॉल व ड्राय फ्रूट बिजनेस को नया आयाम मिलेगा। इससे भी बढ़कर टूरिज्म सेक्टर है। यही वजह है कि केंद्र सरकार व लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने दिन-रात एक करके इस मीटिंग को कामयाब बनाने के लिए कमर कसकर काम किया है। इससे पहले जी-20 इंडियन प्रेसिडेंसी के चीफ कोऑर्डिनेटर हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि इस मीटिंग में शामिल होने वाले डेलिगेट्स यहां आकर देख सकेंगे कि धरती पर स्वर्ग कैसा होता है।    दूसरी तरफ पाकिस्तान व चीन को कश्मीर में हो रही इस मीटिंग से काफी दिक्कतें थीं। पाकिस्तान तो इस ऑर्गेनाइजेशन का मेंबर ही नहीं है। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पहुंच गए हैं, जहां वो लोगों को संबोधित करेंगे। इस जी-20 बैठक में चीन ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। चीन का कहना है वह विवादित क्षेत्र में किसी भी प्रकार की जी-20 बैठक का पूरी तरह से विरोध करता है। चीन के इस बयान पर भारत ने आपत्ति जताई है। भारत ने पड़ोसी देश को जवाब देते हुए कहा, वह अपने क्षेत्र में बैठकें आयोजित करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान इस मीटिंग में खलल डालने के लिए कई तरह की साजिशें रच रहा है, जिसके चलते सिक्योरिटी हाई अलर्ट पर है। 

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