रातों रात अमीर होना चाहता था मनजिंदर इसलिए मनदीप कौर के साथ मिलकर दिया इस वारदात को अंजाम- पुलिस कमिश्नर
टाकिंग पंजाब
लुधियाना। पंजाब के लुधियाना में एटीएम कैश कंपनी सीएमएस में हुई 8.49 करोड़ की लूट में शामिल 6 लुटेरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर 5 करोड़ रिकवर किए हैं। हालांकि इस वारदात की मास्टरमाइंड मनदीप कौर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वहीं, इस लूट में मनदीप कौर के साथ उसका पति व भाई भी शामिल थे। इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने कहा कि इस वारदात के 2 मास्टरमाइंड हैं जिसमें पहली मनदीप कौर और दूसरा मनजिंदर मनी हैं। मनी 4 साल से इसी कंपनी का कर्मचारी है व इन दोनों ने 8 ओर आरोपियों को अमीर बनाने का सपना दिखाकर साथ मिलाया व वारदात वो अंजाम दिया। लूट की वारदात के लिए 2 मॉड्यूल बनाए गए थे।
एक मॉड्यूल में मनजिंदर मनी के साथ 2 बाइक पर कुल 5 लोग थे। वहीं, दूसरे मॉड्यूल में क्रूज कार में मनदीप कौर व उसके साथ 4 लुटेरे शामिल थे। मनजिंदर मनी सीएमएस कंपनी में काम करता था तो वहां के बारे में हर बात से वाकिफ था। उसे पता था कि यहां कैश किस हालत में रखा जाता है। कंपनी में सिक्योरिटी के लिहाज से कौन-कौन से लूज प्वाइंट हैं। उसने मनदीप कौर के साथ मिलकर इसकी साजिश रची। इसकी प्लानिंग जनवरी महीने से चल रही थी। मनजिंदर रातों रात अमीर होना चाहता था इसलिए उसने मनदीप कौर के साथ मिलकर यह वारदात की।
पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने आगे कहा कि दूसरे आरोपियों की भी अभी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं मिली। ऐसे में सबको अमीर बनाने का सपना दिखाया गया। लुटेरे जिस कैश वैन में लूट की रकम ले गए, उसका फ्लिकर चल रहा था, जिसके बारे में कोई जानकार या सिर्फ ड्राइवर ही जानता है। इस वजह से कंपनी के कर्मचारी पर शक था। इतना ही नहीं, वारदात के दिन भी मनजिंदर मनी गाड़ी चला रहा था। वारदात के बारे में पुलिस को शक तब हुआ जब लूट की मास्टरमाइंड मनदीप कौर के भाई ने इंस्टाग्राम पर नोटों की रील डाली जिसमें 500-500 रुपए के नए नोटों की गडि्डयां कार के डैशबोर्ड पर रखी थी।
वारदात को अंजाम देने के लिए शुक्रवार का ही दिन चुनने पर पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने कहा कि मनजिंदर मनी को पता था कि शनिवार व रविवार को एटीएम में कैश नहीं डाला जाता, इसलिए कंपनी में शुक्रवार को कैश ज्यादा होता है। इसी वजह से उसने शुक्रवार का दिन लूट के लिए चुना। उन्होनें आगे कहा कि इन सभी 10 आरोपियों में से किसी ने भी मोबाइल इस्तेमाल नहीं किया था। इसी वजह से लोकेशन के जरिए इन्हें ट्रेस नहीं किया जा सका। कंपनी की बताई लूट की अमाउंट और लुटेरों के कबूलनामे के बाद रकम में अंतर आया है। लुटेरों ने कहा कि 2 बैग में 3-3 करोड़ और तीसरे में डीवीआर ले गए थे। मगर, कंपनी ने पहले 7 करोड़ व फिर इसे बढ़ाकर 8.49 करोड़ की लूट बताया। इस मामले में सभी लुटेरों के पकड़े जाने के बाद ही पूरी अमाउंट क्लियर हो सकेगी।