पंजाब में पेंशन धारकों से डेवलपमेंट टैक्स वसूलने पर काग्रेंस का पंजाब सरकार पर हमला…

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सिद्धू ने करारा तंज कसते हुए लिखा- बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी?

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अमृतसर। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने पेंशन धारकों से डेवलपमेंट टैक्स के रूप में 200 रुपए प्रति माह यानि 2400 रुपए सालाना वसूलने की मंजूरी दे दी है। परंतु इसके बाद कई विरोधी पार्टियों ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। पंजाब सरकार के इस फैसले की निंदा करते हुए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब सरकार ‘बदलाव’ के नाम पर नए टैक्सों से लोगों को लूटना बंद करें। पंजाब कांग्रेस राज्य सरकार की पेंशन भोगियों और पंजाब सरकार के सेवानिवृत्त लोगों से पीएसडी कर के रूप में 200 रुपए प्रति माह की कटौती वसूलने के प्रस्ताव की निंदा करती है।
      वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू ने भी पंजाब सरकार व मुख्यमंत्री भगवंत मान पर करारा तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा कि तो भीख का कटोरा बाहर आ गया है…राज्य के लिए कोई आय नहीं… राजकोष व्यक्तियों द्वारा जेब में डाला जा रहा है… बेताब उधार, अप्रत्यक्ष कर और अब स्पष्ट प्रत्यक्ष कर… स्पष्ट रूप से पंजाब सरकार की वित्तीय स्थिति को “गंभीर स्थिति” में दर्शाता है। उन्होनें आगे लिखा कि पंजाब में पेंशन भोगियों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा 200 रुपए विकास कर यह राज्य के लोगों पर पैसों का एक और हमला है। सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से किए गए आत्मकेंद्रित वादे मतदाताओं पर कर लगाकर पूरे किए जा रहे हैं, जबकि माफिया सत्ता में बैठे लोगों को कमीशन देकर खनन, शराब, भूमि और परिवहन के माध्यम से पंजाब के खजाने का राजस्व निकालना जारी रखते हैं। इतना ही नहीं, सिद्धू ने अंत में तंज कसते लिखा कि बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी?
     काग्रेंस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी पंजाब सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि पेट्रोल-डीजल पर दूसरी बार वैट बढ़ाने और बिजली दरें बढ़ाने के बाद पंजाब के को-हि-नूर (सीएम मान) ने राज्य में पेंशनभोगियों पर 200 रुपये प्रति माह विकास कर लगाया है। बाजवा ने आगे लिखा कि रेत खनन से 20,000 करोड़ रुपये और भ्रष्टाचार समाप्त करके 34,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने में विफल रही है। सरकार अब ऐसे कठोर कदम से राजस्व बढ़ाने का प्रयास कर रही है। राज्य में लाखों पेंशनभोगी हैं, जो इससे प्रभावित होंगे।
    जाहिर है, आप के पास पंजाब की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कोई स्थायी रोडमैप नहीं है। बता दें कि अभी तक हर नौकरी पेशा व्यक्ति से हर माह 200 रुपए डेवलपमेंट व प्रोफेशनल टैक्स के तौर पर वसूले जा रहे थे। यानी कि साल का एक व्यक्ति 2400 रुपए पंजाब सरकार को दे रहा था। दुकानदार व पेंशनर इस कैटेगरी में नहीं आते थे। लेकिन पंजाब सरकार ने अब पेंशनर्स से भी यह टैक्स लेने की घोषणा की है। पेंशन धारकों को भी अब साल में 2400 रुपए टैक्स के तौर पर देने होंगे। खास बात है कि यह टैक्स पहले ही पेंशन से काट लिया जाएगा।

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