चेयरमैन अनिल चोपड़ा और वाइस चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा ने की लॉ कॉलेज के प्रयासों की सराहना
टाकिंग पंजाब
जालंधर। सेंट सोल्जर लॉ कॉलेज की रजिस्टर सोसायटी सेंटर फॉर पॉलिसी एंड रिसर्च (सीपीआर) ने देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की आवश्यकता और इससे जुड़े मामले लॉ कमीशन ऑफ़ इंडिया को अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने के उद्देश्य से एक विषय सर्वे किया। सीपीआर के डायरेक्टर डॉ. एससी शर्मा के मार्गदर्शन में 5 शिक्षकों और 4 छात्रों की एक टीम ने सर्वेक्षण किया। कुल 233 उत्तरदाताओं ने प्रश्नावली के 37 प्रश्नों का उत्तर दिया, जो यूसीसी, इसकी विषय-वस्तु और विवाह और तलाक, विरासत, बच्चों को गोद लेने, भरण-पोषण और समान-लिंग विवाह/लिव-इन से संबंधित मामलों पर विचारों से संबंधित थे।
सर्वेक्षण के नमूने में 143 हिंदू, 66 सिख, 10 ईसाई, 10 मुस्लिम, 2 बौद्ध और 2 जैन शामिल थे। इनमें से 148 महिलाएं और 85 पुरुष थे, जिनके पास 20 से 70 वर्ष की आयु के बीच अनपढ़ से लेकर पीएचडी तक की शैक्षणिक योग्यता थी। विवाह के अपूरणीय विघटन को जोड़ने पर 79% उत्तरदाता सहमत हुए। व्यक्तिगत संपत्ति के मामले में भी, बहुमत का दृष्टिकोण (61.69%) यह था कि पिता/माता को व्यक्तिगत संपत्ति किसी को भी अपनी पसंद के अनुसार देने का स्वतंत्र विवेक नहीं होना चाहिए, बल्कि यह यूसीसी में उल्लिखित उत्तराधिकारियों को मिलनी चाहिए।
बच्चों को गोद लेने पर, बहुमत का विचार (78%) था कि बच्चे को गोद लेना केवल अदालत के माध्यम से होना चाहिए, गोद लिए जाने वाले बच्चे की अधिकतम आयु 10 वर्ष से कम होनी चाहिए। 74.3% उत्तरदाताओं में से अधिकांश चाहते थे कि यदि गोद लेने वाले माता-पिता के पास उनके प्राकृतिक बच्चे हैं, तो दूसरे बच्चे को गोद लेने में कानूनी बाधा नहीं होनी चाहिए। सभी उत्तरदाता चाहते थे कि गोद लेने का पंजीकरण अनिवार्य होना चाहिए। सेंट सोल्जर ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन्स के चेयरमैन अनिल चोपड़ा और वाइस चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा ने सार्थक शोध करने और लॉ कमीशन ऑफ़ इंडिया को अपनी टिप्पणियां भेजने के लिए लॉ कॉलेज और उसके अनुसंधान केंद्र के प्रयासों की सराहना की।