गिरफ्तार डीएसपी लखबीर संधू से पूछताछ के दौरान डीआईजी इंदरबीर सिंह का नाम आया सामने…
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। पंजाब विजिलेंस यूनिट ने जालंधर पीएपी के मौजूदा डीआईजी इंदरबीर सिंह को एक नशा तस्कर से 10 लाख रुपए रिश्वत लेने के केस में नामजद किया है। हालांकि, विजिलेंस द्वारा फिलहाल गिरफ्तारी संबंधी कोई कार्रवाई नहीं दी गई है। बता दें कि वह जब फिरोजपुर के डीआईजी थे, उस दौरान उन पर नशा तस्कर को छोड़ने के लिए 10 लाख रुपये लेने और एक सब इंस्पेक्टर से 23 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। अब उन्हें दोनों मामलों में नामजद कर लिया गया है। पिछले साल जुलाई में विधानसभा हलका खेमकरण के गांव बोपाराय निवासी नशा तस्कर पिशोरा सिंह के मामले को रफा-दफा करने के लिए विजिलेंस ने 10 लाख की रिश्वत लेने के मामले में फरीदकोट के डीएसपी लखबीर सिंह संधू को गिरफ्तार किया व उनसे पूछताछ में फिरोजपुर के तत्कालीन डीआईजी इंदरबीर सिंह का नाम सामने आने पर अब उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। इस मामले में आरोपी डीएसपी लखबीर संधू समेत एक हेड कॉन्स्टेबल हीरा सिंह का नाम भी सामने आया था। फिलहाल विजिलेंस की जांच टीम तथ्यों की पड़ताल में जुटी है व विजिलेंस द्वारा सभी पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस द्वारा नशा तस्कर से रिश्वतकांड मामले में दर्ज दो केसों की जांच किए जाने की सूचना है। विजिलेंस ब्यूरो अमृतसर रेंज के एसएसपी वरिंदर सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि थाना भिखीविंड में आरोपी सुरजीत सिंह के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। आरोपी के कब्जे से 900 ग्राम अफीम का नशा बरामद किया गया था। इसके बाद केस में पिशोरा सिंह, निशान सिंह, हेड कांस्टेबल हीरा सिंह, रशपाल सिंह और डीएसपी लखबीर सिंह को नामजद किया गया है। वहीं, इस मामले में डीआईजी इंदरबीर सिंह ने कहा कि मुझे नहीं पता कि भ्रष्टाचार के केस में मुझे नामजद किया गया है। इन केसों की जांच चल रही है और मामले अदालत में भी है।