जालन्धर। सिविल अस्पताल की सिविल सर्जन रमन कुमार पर तंग व परेशान करने के आरोप लगा सिविल अस्पताल के एक कर्मचारी ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या करने की कोशिश की। उक्त कर्मचारी को पहले सरकारी व हालत खराब होने पर निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। सोमवार को सरकारी दफ्तरों का समय में बदलाव होते ही आज सुबह सर्वप्रीत सिंह सिविल अस्पताल पहुंचा। सरबजीत सिंह से किसी की कोई सुबह बात हुई या नहीं, यह तो अभी पता नहीं चल पाया सरबजीत सिंह ने अस्पताल ड्यूटी पर आते ही जहरीली वस्तु निगल ली। सरबजीत सिंह जिला मेडिकल स्टोर इंचार्ज है। उधर सरबजीत सिंह के एक रिश्तेदार सतिंदर सिंह का कहना है कि रोजाना ही सरबजीत सिंह को सीनियर अधिकारी की ओर से टॉर्चर किया जा रहा था। ड्यूटी का समय खत्म होने के बावजूद भी सरबजीत सिंह को रोजाना ही अधिक समय तक बिठाया जाता था, जिससे वह काफी परेशान था। इसी के चलते आज उसने ऐसा कदम उठाया है। इसके अलावा सरबजीत सिंह के साथ काम करने वाले रमेश कुमार का कहना है कि पिछले काफी समय से सरबजीत सिंह को सिविल सर्जन रमन कुमार ने परेशान करके रखा हुआ था। वह रोजाना ही सरकारी समय से अधिक समय काम करवाता है। आज भी जब 9 बजे का टाइम सरकारी दफ्तरों का हो चुका है, लेकिन फिर भी कर्मचारी को सुबह 6 बजे बुला लिया गया था। बहुत ही ज्यादा हरासमेंट के चलते सरबजीत सिंह काफ़ी परेशान था, जिसके कारण आज उसने आत्महत्या करने की कोशिश की है। इस बीच यह भी पता चला है कि सरबजीत ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने कुछ डॉक्टरों पर आरोप लगाए हैं। परिजनों ने भी सुसाइड नोट लिखे होने की पुष्टि की है, लेकिन सुसाइड नोट कहां है इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी है।
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ रमन कुमार का भी बयान सामने आया है। डॉ रमन कहना है कि मैने कभी भी किसी भी कर्मचारी को तंग परेशान नही किया है। मैंने सुबह जल्दी आने के लिए भी कोई फोन नही किया है। मुझे जब इस बात का पता चला तो मुझे काफी हैरानी हुई है। सिविल सर्जन डॉ रमन कुमार का कहना था कि बाढ़ आने के कारण सब लोगो को ज्यादा काम करना पड़ रहा है। इस बात का सर्बजीत ज्यादा प्रेशर ले गया है। वह हमारा बहुत अच्छा व मेहनती कर्मचारी है, जल्द ही मामला हल कर लिया जाएगा।