कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज दर को बढ़ाकर किया जायेगा 8.15 प्रतिशत..
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। वित्तमंत्रालय ने वित्तवर्ष 2023 के लिए 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। इससे पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने सरकार ने इतना ब्याज करने की संस्तुति की थी। अब सरकार की ओर से वित्तमंत्रालय ने इसे स्वीकारते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। बता दें कि ईपीएफओ ने 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज दर बढ़ाई हैं।
अब कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज दर को बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया जाएगा, जबकि वित्तवर्ष 21-22 के लिए यह दर 8.10 प्रतिशत थी। इसके पहले मार्च में अपनी दो दिन की बैठक के दौरान ईपीएफओ ने अपने सब्सक्राइबर्स के लिए 2022-23 के कर्मचारी के भविष्य निधि पर ब्याज दर बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर की बढ़ोतरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था जिसे आज मंजूर कर लिया गया है।
अब सरकार की मंजूरी मिलने के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफओ के पांच करोड़ से अधिक खाताधारकों के खातों में डाल दी जाएगी। ईपीएफओ मार्च, 2022 में 2021-22 के लिए अपने करीब पांच करोड़ सब्सक्राइबर्स के ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर ले आया था। यह दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ पर ब्याज दर आठ प्रतिशत हुआ करती थी।
साल 2020-21 में यह दर 8.5 प्रतिशत थी। आपको बता दें कि मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को कम करके सात महीने के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत पर ला दिया था। साल 2018-19 के लिए यह 8.65 प्रतिशत थी। भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर एक बार फिर बढ़ने से कर्मचारीयों को काफ़ी फ़ायदा होता दिखाई दे रहा है। अब 5 करोड़ से अधिक खाता धारकों को अपने बैंक खाते में इन पैसों के आने का इंतजार है व सूत्रों की माने तो यह इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है।