नईं दिल्ली। मणिपुर को लेकर संसद में गतिरोध जारी है। लोकसभा में गतिरोध समाप्त करने के लिए स्पीकर ओम बिरला ने पहल की है। स्पीकर ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है । स्पीकर बिरला सभी नेताओं से गतिरोध समाप्त करने पर चर्चा करेंगे। सदन के सुचारू संचालन के लिए स्पीकर बिरला की पहल महत्वपूर्ण है। पहले भी स्पीकर बिरला के हस्तक्षेप के बाद ही सदन में गतिरोध दूर हुआ है। उधर देखा जाए तो संसद का मानसून सत्र मणिपुर में हुई हिंसा व आप सांसद संजय सिंह के निलंबन को लेकर हो-हल्ले की भेंट चढता दिखाई दे रहा है। राज्यसभा व लोकसभा अध्यक्षों ने विपक्ष को काफी समझाने की कोशिश की लकिन विपक्ष प्रधानमंत्री के ब्यान परक अड़ा रहा, जिसके चलते कार्रवाई को स्थागित करना पड़ा। संसद के चौथे दिन लोकसभा की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्षी पार्टीयों ने जमकर हंगामा किया, जिसके चलते संसद की कारर्वाई को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इतना ही नहीं, लोकसभा के साथ ही राज्यसभा भी 12 तक के लिए स्थगित कर दी गई। हालांकि 12 बजे के बाद जब दोबारा कार्रवाई शुरू हुई तो विपक्ष का हो-हल्ला जारी रहा है व संसद में लगातार नारेबाजी होती रही। विपक्षी सांसद संसद में प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो के नारे लगाते दिखाई दिए। आप सांसद संजय सिंह सस्पेंशन के बाद भी सदन में पहुंच गए। सभापति ने उन्हें बार बार सदन से बाहर निकले को कहा। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी। वहीं, लोकसभा की कार्यवाही को भी हंगामे के बाद स्थगित कर दिया गया। दरअसल राज्यसभा में संजय सिंह के निलंबन को लेकर विपक्षी दल हंगामा कर रहे हैं।
तीसरे दिन की कार्रवाई के दौरान आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह संसद में मणिपुर पर चर्चा और प्रधानमंत्री के बयान की बात उठाई थी। वह सभापति जगदीप धनखड़ के पास जाकर बहस करने लगे थे, जिसके बाद उन्हें पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। राज्यसभा में संजय सिंह के निलंबन पर आप सांसद राघव चड्ढा ने वोटिंग करवाने की भी अपील की, जिसे सभापति जगदीप धनखड़ ने खारिज कर दिया। उधर निलंबन के अगले दिन आज यानि मंगलवार को संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर मुद्दे पर चुप क्यों हैं ? हम केवल संसद में आकर इस पर बोलने की मांग कर रहे हैं। निलंबन पर मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि जगदीप धनखड़ राजनीति से जुड़े व्यक्ति नहीं हैं, उपराष्ट्रपति हैं। संसद में मणिपुर का मुद्दा उठाना हमारी जिम्मेदारी है।
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