हाल ही में हुई कांग्रेस की बैठक में दिया था नेताओं ने बयान .. कहा था, दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर उतरेगी कांग्रेस
आम आदमी नेता सौरभ भारद्वाज बोले, बयान देने वाले बहुत छोटे-छोटे नेता हैं, जिनकी जमानतें एमएलए चुनाव में नहीं बची.. उनकी वैल्यू क्या है..
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी व विपक्ष जोर-शोर से तैयारी में जुटा है। आम चुनाव में बीजेपी को हराने के मकसद से 26 विपक्षी दल एक हो गए हैं। उन्होंने अपने गठबंधन का नाम INDIA तो रखा है, लेकिन इस बीच कांग्रेस की हुई एक बैठक में पार्टी के नेताओं के आए बयान से ‘कंफ्यूजन’ की स्थिति पैदा हो गई है। दरअसल कांग्रेस नेताओं ने बयान दिया है कि पार्टी नेतृत्व की तरफ से दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर मजबूत तैयारी करने को कहा गया है।
आम आदमी पार्टी ने इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है, तो INDIA गठबंधन का क्या मतलब है ? आम आदमी पार्टी नेता विनय मिश्रा ने एक न्यूज चैनल से कहा है कि यह कांग्रेस नेता का बहुत हैरान करने वाला बयान है। ऐसे बयानों के बाद INDIA गठबंधन का क्या औचित्य रह जाता है ? अब अरविंद केजरीवाल को इस पर फैसला करना चाहिए कि आगे क्या करना है। जो देश हित में सर्वोपरि हो वह फैसला लिया जाना चाहिए। कांग्रेस की मीटिंग के बाद पार्टी की नेता अलका लांबा ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा कि लगभग 3 घंटे की मीटिंग में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल और दिपक बाबरिया मौजूद रहे।
तीन घंटे की मीटिंग में संगठन को मजबूत करने पर चर्चा हुई। संगठन में कमजोरियां क्या हैं ? उस पर कैसे काम किया जाए ? मीटिंग में हमें सुझाव मिले किए कैसे संगठन को मजबूत कर सकते हैं। सुझाव यह भी आया कि लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां अब हमें करनी है, मकसद वही था। दिल्ली से पहले 18 राज्यों की लोकसभा सीटों पर चुनाव की तैयारियों को लेकर मीटिंग हो चुकी है। दिल्ली 19वां राज्य था, 2024 का चुनाव कैसे जीतना है इस पर चर्चा हुई। आदेश हुआ कि हमें दिल्ली की सातों सीटों पर मजबूत संगठन के साथ लड़ना है। 7 महीने और 7 सीटें हैं, यह बात हुई कि जिसकी दिल्ली हुई, उसका देश होता है। यही इतिहास बताता है। इसलिए हमें कहा गया कि दिल्ली की सातों सीटों पर तैयारी रखनी है, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि हम दो सीटों पर लड़ेंगे, चार सीटों पर लड़ेंगे या बाकी पर काम नहीं करेंगे… ऐसा कुछ नहीं है।
लांबा ने कहा, कांग्रेस का जो वोट है, वह आम आदमी पार्टी की तरफ गया है। हमारी लड़ाई बीजेपी से है, लेकिन वोट हमारा आम आदमी पार्टी के पास है। आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता इस समय भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं। मुख्यमंत्री पर भी शिकंजा कस सकता है, इस बात की भी चिंता जाहिर की गई है। लेकिन, हम चुनाव लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे या कितनी सीटों पर लड़ेंगे… ऐसी कोई बात नहीं है। बस संगठन को मजबूत करना है, सातों सीटों पर हमें अपनी तैयारियों को पुख्ता करना है। उधर दूसरी तरफ कांग्रेस नेता व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस पार्टी संगठन को मजबूत करके एकजुट होकर लड़ेगी। हमने आम आदमी पार्टी की या गठबंधन की कोई चर्चा नहीं की।
हमारा अपना रास्ता है। हमने पोल खोल यात्रा से लेकर हर एक कोशिश की है कि अरविंद केजरीवाल सरकार की नीतियों को एक्सपोज करें। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के इन ब्यानों से लगता है कि दिल्ली कांग्रेस आप से समझौता करने के मूढ में बिल्कुल नहीं है। कांग्रेस के इन ब्यानों के बाद आम आदमी के सौरभ भारद्वाज का भी ब्यान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की बातें तो आती रहेंगी। जब INDIA के सभी दल एक साथ बैठेंगे, सभी पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व सीट शेयरिंग आमने-सामने बैठकर चर्चा करेंगे, तब पता चलेगा कौन सी पार्टी को कौन सी सीटें मिलती हैं। कांग्रेस के इस फैसले का INDIA गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि ऐसे बयान देने वाले बहुत छोटे-छोटे नेता हैं, जिनकी जमानतें एमएलए चुनाव में नहीं बची हैं। उनकी क्या वैल्यू है। उन्होंने कहा कि अनील चौधरी और अल्का लांबा ने बयान दिया है, लेकिन दोनों की ही जमानत कहां बची ? दोनों की मिला लो तो भी नहीं जीतेंगे।
जब सौरभ भारद्वाज से पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी भी दिल्ली में लोकसभा की सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है ? तो उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के केंद्र नेतृत्व लेगा। वहीं जब सौरभ से पूछा गया कि क्या वह मानते हैं कि दिल्ली में आप-कांग्रेस का गठबंधन होना चाहिए ? तो उन्होंने कहा कि यह सभी पीएसी के लेवल की चीजे हैं। हमारी पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी है, वो इस पर चर्चा करेगी, निर्णय करेगी। फिर INDIA के तो घटक दल हैं वो आमने-सामने बैठेंगे तब उसपर आगे जो बात बनेगी। बता दें कि INDIA गठबंधन की पहली मीटिंग पटना में 23 जून को हुई थी। दूसरी मीटिंग 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई। अब तीसरी मीटिंग 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होनी है।