सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार.. अब इस मामले में 25 अगस्त को होगी सुनवाई … चारा घोटाले में लालू यादव को बताया गया था मुख्य साजिशकर्ता
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। पिछले लंबे समय से लालू प्रसाद यादव के लिए मुसिबत बना हुआ चारा घोटाला उनका पीछा नही छोड़ रहा है। इस मामले में एक बार फिर से लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल दुमका, डोरंडा व चाईबासा और देवघर मामलों में जमानत को चुनौती दी गई है। अब लालू प्रसाद यादव की ज़मानत को रद्द करने की याचिका पर 25 अगस्त को सुनवाई होगी। सीबीआई ने लालू यादव की ज़मानत को रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी व कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में सुनवाई को तैयार हो गया है। अब इस मामले में 25 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। दरअसल 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की एक और याचिका पर लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को मूल याचिकाओं के साथ जोड़ दिया था। सीबीआई ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव को मिली जमानत रद्द करने की मांग की है। सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के ज़मानत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट चुनौती दी है। लालू को झारखंड के डोरंडा कोषागार मामले में जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में पांच साल की सजा सुनाई थी व 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
चारा घोटाले में लालू यादव को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था। अब सब मामलों की सुनवाई साथ-साथ एक ही पीठ के समक्ष होगी। दरअसल, सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट के जमानत देने वाले आदेशों को चुनौती दी है। सीबीआई ने कहा है कि जमानत आदेश का आधार गलत है। लालू यादव ने अपेक्षित समय जेल में नहीं बिताया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि जमानत की अर्जी मंजूर करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि लालू यादव पहले ही सजा का आधा हिस्सा काट चुके हैं। दुमका मामले में 24 मार्च, 2018 को प्रसाद को 14 साल की जेल की सजा सुनाते हुए रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत क्रमश: 60 लाख रुपये व 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
सीबीआई ने लालू यादव को लेकर दिए गए झारखंड हाईकोर्ट के दो फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। झारखंड हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल, 2021 को चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार मामले में प्रसाद को सजा की आधी अवधि पूरी होने पर जमानत दे दी थी और सजा को निलंबित कर दिया था। इससे जेल से उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त हुआ था। शीर्ष अदालत ने भी 9 अक्टूबर, 2020 को चारा घोटाला मामले में चाईबासा कोषागार से धन की अवैध निकासी से जुड़े एक मामले में भी प्रसाद को जमानत दे दी थी। सीबीआई ने हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।