पंजाब सरकार ने भारत सरकार के अधीन बीबीएमबी की कंपनी से 2.53 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से किया एग्रीमेंट
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। पंजाब में बिजली को सरप्लस करने के उद्देश्य के चलते पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। पंजाब सरकार ने भारत सरकार के अधीन बीबीएमबी की कंपनी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड से 2.53 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से एक हजार मेगावाट का एग्रीमेंट किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को पीएसपीसीएल द्वारा किए सोलर पावर परचेज बिजली समझौते की जानकारी देते हुए इसे 1200 मेगावाट सोलर पावर के इस खरीद समझौते को सबसे बड़ा सौदा बताया।
सीएम मान ने दावा किया कि एक हजार मेगावाट सोलर पावर प्लांट पर एक पैसा बचाने से 25 साल में 64 करोड़ 60 लाख रुपए की राशि बनती है, जबकि राज्य सरकार द्वारा छह पैसे कम करवाने से 25 साल में 387 करोड़ रुपए बचेंगे। सीएम ने कहा कि कंपनी द्वारा होशियारपुर की 200 यूनिट के लिए प्रति यूनिट 2.75 रुपए की पेशकश की गई। उन्होंने कहा कि पहली बार काउंटर बोली के लिए स्विस चैलेंज विधि लागू की गई है। कंपनी ने पहले प्रति यूनिट 2.59 रुपए बिड लगाई, लेकिन पीएसपीसीएल ने इस पर 6 पैसे कम करवाए हैं। सीएम मान ने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया कि 202 रुपए 53 पैसे के हिसाब से कुल 83 लाख यूनिट का रोजाना उत्पादन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सस्ते रेट पर बिजली मिलने से सप्लाई में आसानी रहेगी। कृषि क्षेत्र में ट्यूबवेलों को अधिक से अधिक बिजली देने के लिए पीएसपीसीएल ने भारत व पंजाब के प्रोजेक्ट के लिए 2500 मेगावाट सोलर प्लांट के लिए अन्य टेंडर भी जारी किए हैं। सीएम मान इस दौरान अकाली-कांग्रेस सरकार पर निशाना साधना नहीं भूले। उन्होंने अकाली सरकार में अप्रैल 2007 से मार्च 2017 तक किए बिजली एग्रीमेंट को दिखाते हुए कहा कि इसके रेट 8.74 रुपए प्रति मेगावाट हैं। कहीं 8.52 रुपए प्रति यूनिट है तो कहीं 7.67 रुपए प्रति यूनिट हैं। उन्होंने विभिन्न कंपनियों के नाम भी बताए। केवल एक जगह पर 4.82 रुपए प्रति यूनिट और 4.73 रुपए प्रति यूनिट का अनुबंध बताया।