संस्कृत भाषा,भारतीय संस्कृति की परिचायक है- प्रधानाचार्या प्रवीण सैली
टाकिंग पंजाब
जालंधर। विद्यालय प्रबंधन तथा प्रधानाचार्या प्रवीण सैली के कुशल नेतृत्त्व में प्रगति सदन की इंचार्ज रेखा जोशी और सुमेधा की देखरेख में ‘विश्व संस्कृत दिवस’ मनाया गया। भूपिंदरजीत सिंह द्वारा एक पीपीटी तैयार की गई,जिसके माध्यम से सुमेधा ने संस्कृत दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संस्कृत विश्व की प्राचीनतम भाषा होने के साथ-साथ कई अन्य भाषाओं की जननी भी है। यह भाषा ज्ञान, सभ्यता,और समृद्धि का प्रतीक है।
संस्कृत भाषा वैदिक काल से लेकर आधुनिक समय तक हमारी भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग रही है। प्रधानाचार्या प्रवीण सैली ने बताया कि संस्कृत भाषा,भारतीय संस्कृति की परिचायक है। यह सभी भारतीय भाषाओं की जननी है। उन्होंने विश्व भर की भाषाओं में से सबसे प्राचीनतम व समृद्धतम ‘देवभाषा’ संस्कृत के प्रचार-प्रसार व संवर्धन को समर्पित ‘विश्व संस्कृत दिवस’ की सबको हार्दिक बधाई दी।
डॉ. विदुर ज्योति (चेयरमैन ट्रस्ट), डॉ. सुविक्रम ज्योति (चेयरपर्सन कम मैनेजर, मैनेजिंग कमेटी;जनरल सैक्रेटरी,ट्रस्ट), रमनदीप (उप-प्रधानाचार्या) तथा ममता अरोड़ा (सहायक उप-प्रधानाचार्या) ने अपने संदेश में कहा कि संस्कृत भाषा विश्व-कल्याण, शांति, सहयोग एवं ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का संदेश देने वाली है। विश्व की प्राचीनतम भाषा के सम्मान में उन्होंने सभी को ‘विश्व संस्कृत दिवस’ की शुभकामनाएँ दीं।