अमेरिका आईना देखेगा तो उसमें दिखेंगे सुलेमानी, बगदादी, लादेन, अल-जवाहिरी जैसे कईं मरने वाले आंतकियों के चेहरे
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। कनाडा में मारे गए आंतकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत पर निशाना साधने वाला अमेरिका खुद कईं देशों में जाकर वहां रहने वाले अपने दुशमनों को मौत के घाट उतार चुका है। भारत के खिलाफ कनाडा को उकसाने वाला अमेरिका यह भूल बैठा है कि उसने तो सरेआम दूसरे देशों में जाकर वहां के नागरिकों पर हमला किया है व उन्हें मौत के घाट उतारा है। भारत के खिलाफ बोलने वाला अमेरिका खुद समय समय पर दूसरे देशों में घुसकर अपने दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई करता रहा है।
हालांकि अमेरिका का कहना है कि जब संदिग्ध को पकड़ना या गिरफ्तार करना संभव नहीं रहता, तब ऐसे ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जाता है तो भारत तो पिछले कईं सालों से कनाडा को मोस्ट वांटेड की लिस्ट दे रहा है, लेकिन कनाडा ने एक बार भी उस पर कोई एक्शन नहीं लिया। दरअसल हरदीप सिंह निज्जर की मौत पर भारत के खिलाफ बोलने वाला अमेरिका खुद सुलेमानी, बगदादी, लादेन जैसे कईं लोगों की हत्या कर चुका है व इन ऑपरेशन्स को अमेरिका ने दूसरे देशों में जाकर ही अंजाम दिया था। अमेरिका लंबे वक्त से तर्क देता रहा है कि उसके ऑपरेशन में तमाम कानूनी समीक्षा और खतरे का आकलन लिया जाता है. साथ ही जब संदिग्ध को पकड़ना या गिरफ्तार करना संभव नहीं रहता, तब ऐसे ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जाता है.
सबसे पहले बात करते हैं ईरानी सैन्य कमांडर सुलेमानी की। जनवरी 2020 की 4 तारीख को इराक की राजधानी बगदाद में एयरपोर्ट के बाहर हवाई हमला होता है। इस हमले में ईरानी सैन्य कमांडर और कुद्स फोर्स के चीफ सुलेमानी समेत 10 लोगों की मौत हो जाती है। हमले की जिम्मेदारी दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका लेता है। इसके बाद बात करते हैं अल-जवाहिरी की.. अमेरिका ने पिछले साल अगस्त में दावा किया था कि उसने अलकायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी को एक ड्रोन हमले में ढेर कर दिया। अल-जवाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने ही अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमलों की साजिश रची थी।
एक ओर मामले की बात करें तो ऐसा ही एक हमला अबू बकर अल बगदादी पर किया गया था, जो कि अमेरिका का पहला हमला नहीं था, जो दूसरे देश में जाकर किया हो। अक्टूबर 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ऐलान के बाद सीरिया के इदलिब में की गई अमेरिकी स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज की कार्रवाई में इस्लामिक स्टेट सरगना अबू बकर अल बगदादी को मार गिराया गया। इसी तरह ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा बिन लादेन को अमेरिकी सेना ने सितंबर 2019 में आतंकवाद विरोधी अभियान में अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास मार गिराया था। ओसमा बिन लादेन को मार देने के बाद भी अमेरिका ने एक बड़े आंतकी को मार गिराने के एवज में अपनी पीठ थपथपाई थी।
एक ओर मामले में अमेरिका ने 2019 में यमन में ड्रोन हमले में अमेरिकी नागरिक व मुस्लिम मौलवी अनवर अल-अवलाकी को मार गिराया था। अमेरिका ने अवलाकी पर साजिश रचने व आतंकियों की भर्ती का आरोप लगाया था। इसके अलावा अमेरिकी स्पेशल फोर्सेस ने 2011 में पाकिस्तान के ऐब्टाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। यह हमला भी अमेरिकी फौज ने दूसरे देश में जाकर किया था। ओसामा अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमलों का मास्टर माइंड था। इसके बाद जुलाई 2022 में अमेरिकी सेना ने ऐलान किया कि इस्लामिक स्टेट के आतंकी मैहर अल-अगल को ड्रोन हमले में मार गिराया गया है। अमेरिका का आरोप था कि अगल इराक व सीरिया के बाहर आईएसआईएस नेटवर्क बनाने के लिए काम करता था।
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल फरवरी में ऐलान किया था कि अमेरिकी स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेस ने सीरिया में आतंकी विरोधी अभियान के तहत आईएस कमांडर अबू इब्राहिम अल-हाशमी को मार गिराया है। हालांकि कुरैशी ने अमेरिकी फोर्स से गिरने के बाद खुद को बम से उड़ा लिया था। इन सभी अपने दुश्मनों को मारने के लिए अमेरिका ने दूसरे देशों की तरफ रूख किया व दूसरे देशों में जाकर इन पर हमला करके इनको मौते के घाट उतारा, लेकिन आज अमेरिका इस मुद्दे को भड़काकर भारत व कनाडा के रिश्तों में आई दरार का फायदा उठाना चाहता है, जिसके चलते इन दोनों देशों को सचेत हो जाना चाहिए।