अभी लागू नहीं होगा हिट एंड रन कानून.. केंद्रीय गृह सचिव व ट्रांसपोर्टर्स के बीच बैठक में लिया गया फैसला
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। हिट एंड रन कानून के खिलाफ हड़ताल पर चल रहे ट्रक ड्राइवर व सरकार के बीच सुलह हो गईं है। इस कानून को लागू नहीं किये जाने के आश्वासन के बाद देशभर में ट्रांसपोर्टर्स और ड्राइवरों ने हड़ताल खत्म कर दी है। कानून के खिलाफ देश भर में भारी आक्रोश को देखते हुए गृह मंत्रालय ने नोटिस लिया, जिसके बाद केंद्रीय गृह सचिव व ट्रांसपोर्टर्स के बीच बैठक में सुलह हो गई। राहत की बात यह है कि अब सभी ट्रांसपोर्टर व ड्राइवर हड़ताल खत्म कर तत्काल काम पर वापस लौटेंगे।
हिट एंड रन को लेकर नए कानून के खिलाफ आक्रोश के बीच जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। ट्रांसपोर्टर्स ने देशव्यापी हड़ताल की। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने उनके साथ बैठक की। बैठक और वार्ता का नतीजा भी तत्काल देखने को मिला। ट्रांसपोर्टर के अनुसार सरकार ये बताना चाहती है कि नए कानून व जुर्माने के प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श किया जाएगा। ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टर की चिंंताओं को सुनने के बाद ही अंति निर्णय लिया जाएगा।
अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस के अध्यक्ष अमृत लाल मदन ने गृह सचिव के साथ बैठक के बाद गतिरोध खत्म करने की अपील की। उन्होंने ड्राइवरों से कहा कि आप सिर्फ हमारे ड्राइवर नहीं, सैनिक हैं। हम नहीं चाहते कि आप किसी भी असुविधा का सामना करें। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि सरकार, कानून के तहत 10 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान पर रोक लगाएगी। अमृत लाल मदन के मुताबिक अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस की अगली बैठक तक कोई कानून लागू नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा एआईएमटीसी के प्रतिनिधियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे नए कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। एआईएमटीसी के पदाधिकारी बाल मंकीत सिंह ने कहा कि यह कानून अभी तक लागू नहीं हुआ है। हम ये कानून अभी तक लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि एआईएमटीसी के साथ चर्चा के बाद हिट-एंड-रन मामलों से संबंधित नए कानून लागू किए जाएंगे। बैठक में दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें रखी। ट्रांसपोर्टर का कहना था कि कानून ज्यादा सख्त है। जानबूझ कर कोई ड्राइवर दुर्घटना को नहीं करता है।
दुर्घटना के बाद मौके पर भीड़ से हिंसा का डर होता है। कानूनी प्रक्रिया बेहद लंबी व परेशानी वाली है। कोहरे सहित दूसरे अन्य कई कारणों से भी दुर्घटना होती है। हर बार ड्राइवर का कसूर नहीं होता है। इस पर सरकार के नुमाइदों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह कानून बनाया गया है। अगर वक्त पर सूचना दी जाए तो 80 प्रतिशत घायलों की जान बच सकती है। चालक जिम्मेदार बनें व अगर उनको कोई डर है तो वह थोड़ा दूर जाकर भी सूचना दे सकते हैं। फिलहाल दोनों पक्षो में सुलह हो गईं है व राहत की बात यह है कि हड़ताल खत्म होने से आम जनता को काफ़ी राहत मिल जाएगी।