प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक उपयोगी सत्र- प्रधानाचार्या प्रवीण सैली
टाकिंग पंजाब
जालंधर। विद्यालय प्रबंधन तथा प्रधानाचार्या प्रवीण सैली के कुशल नेतृत्त्व में गतिविधि प्रभारी भावना सभ्रवाल के मार्गदर्शन में सीबीएसई के दिशानिर्देशों के अनुसार ‘परीक्षा पे चर्चा 2024′ के अंतर्गत विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए अवसर प्रदान किया गया। ‘परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम 2024′ में विद्यालय के छठी से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों,अभिभावकों व शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। देश भर के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को ‘परीक्षा पे चर्चा 2024′ का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ 2024 सजीव प्रसारण के दौरान देश भर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ संवाद किया। उन्होंने परीक्षा संबंधी तनाव को कम करने के साथ-साथ अन्य कई मंत्र साँझा किए। उन्होंने बताया कि हमें किसी भी दबाव या तनाव को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना ज़रूरी है। विद्यार्थियों को रोज़ लिखने का अभ्यास करना चाहिए, मोबाइल को रील्स देखने के लिए नहीं पढ़ाई के लिए प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों को तनाव और दबाव को कम करने और उनके सहयोगी बनकर उन्हें आरामदायक मंच देने की सलाह दी ताकि विद्यार्थी बिना किसी डर के अपनी वास्तविक समस्याओं को अपने विश्वासपात्र हितधारकों के साथ सामने रख सकें। प्रधानाचार्या प्रवीण सैली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित यह कार्यक्रम छात्रों के लिए एक उपयोगी सत्र था और उन्होंने परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए कई विद्यर्थियों के प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने विद्यार्थियों को तनाव के बजाय परीक्षा को उत्सव के रूप में लेने के लिए प्रेरित किया। परीक्षा के समय विद्यार्थियों के लिए ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम की विशेष भूमिका है। विद्यार्थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुए संवाद कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे। विद्यार्थियों को स्पर्धा दूसरों से नहीं स्वयं से करनी चाहिए। डॉ. विदुर ज्योति (चेयरमैन ट्रस्ट),डॉ. सुविक्रम ज्योति (चेयरपर्सन कम मैनेजर, मैनेजिंग कमेटी; जनरल सैक्रेटरी, ट्रस्ट), रमनदीप (उप-प्रधानाचार्या) तथा ममता अरोड़ा (सहायक उप-प्रधानाचार्या) ने विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए तनाव मुक्त माहौल बनाने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।