सुप्रीम कोर्ट ने कहा, चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने बोला कोर्ट में झूठ.. किया नोटिस जारी
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। हाल ही में चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव के बाद चुनाव अधिकारी ने कुछ बैलेट पेपर को अमान्य घोषित कर भाजपा का मेयर बनवा दिया था। इस चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई करते हुए आप-कांग्रेस के कैंडिडेट कुवदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया। कोर्ट ने चुनाव अधिकारी यानि कि रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को नोटिस भी दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अफसर ने अदालत में झूठ बोला है। केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की दोबारा गिनती की जाए। माननीय कोर्ट ने कहा कि अनिल मसीह ने जिन 8 बैलट्स पर निशान लगाए थे, उन सभी को वैध माना जाए व सभी बैलट्स की गितनी के आधार पर जीतने वाले कैंडिडेट का फैसला हो।
दरअसल नियमों के मुताबिक वोटिंग के वक्त हर मेंबर को बैलट पेपर के दाहिनी ओर उस कैंडिडेट के सामने क्रॉस का निशान लगाना था, जिसे वो मेयर चुनना चाहते हैं। पूरा मामला 8 बैलट पेपर्स का है, जिन्हें अवैध करार दिया गया। इन सभी 8 बैलट में आप कैंडिडेट का नाम ऊपरी हिस्से में और भाजपा कैंडिडेट का नाम नीचे था।
जांच के बाद पता चला कि इन बैलट पेपर्स में आप कैंडिडेट के पक्ष में वोट दिया गया था व चुनाव अधिकारी मसीह ने इन पर स्याही से निशान लगाया। कोर्ट का मानना है कि चुनाव अधिकारी ने जानबूझकर 8 बैलट पेपर को खराब करने का काम किया, जबकि कोई भी बैलट खराब नहीं था। कोर्ट का कहना था कि अपनी हरकत से अनिल मसीह मेयर इलेक्शन के नतीजों को बदल दिया। उन्होंने कोर्ट में लगातार झूठ बोला, जिसके लिए वो जिम्मेदार हैं।