डॉक्टर से रेप व हत्या के विरोध में आईएमए व अन्य संस्थाओं‍ ने निकाला कैंडल मार्च

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डॉ. सुषमा चावला ने कहा.. आज जलाई कैंडल उस समय तक जलती रहनी चाहिए, जब तक उक्त लड़की को इंसाफ नहीं मिल जाता…

टाकिंग पंजाब

जालंधर। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप व हत्या के बाद जहां देश भर में विरोध प्रर्दशन हो रहा है, वहीं पंजाब के अलग-अलग जिलों के सरकारी व प्राईवेट अस्पतालों के डॉक्टर्स भी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टर सड़कों पर उतरकर उक्त मृतक महिला डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। इसके चलते डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं ठप्प कर रखी हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोलकत्ता की यह घटना शर्मनाक है। इस घटना के विरोध में आईएमए व रोटरी क्लब ऑफ़ जालंधर हेल्पिंग हैंड्स ने जालंधर में शाम 6 बजे से 7 बजे तक कैंडल मार्च निकाला।

     मॉडल टाउन के शिवानी पार्क से आरंभ हुआ यह कैंडल मार्च कुछ इलाकों का चक्कर लगाने के बाद पार्क में आकर संपंन हुआ। इस कैंडल मार्च में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अलावा रोटरी क्लब हेल्पिंग हैंड्स, अमृत केयरगिवर्स, साइक्लिंग समूह, बाइकिंग समूह, नोटिस बोर्ड जालंधर, फुलकारी महिलाएं, इनर व्हील क्लब ऑफ जालंधर रॉयल, सबर फाउंडेशन, नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन, परिंदे अकादमी आदि संस्थाओं ने भाग लिया। कैंडल मार्च दौरान डॉ. सुषमा चावला ने कहा कि आज जलाई गई कैंडल तो उस समय तक जलती रहनी चाहिए, जब तक उक्त लड़की को इंसाफ नहीं मिल जाता। लेकिन अफसोस से कहना पड़ रहा है कि हमारी सरकारें सो रही हैं।

      पुलिस कुछ कर नहीं रही है व हमारा कानून बहुत ही धीमा है। ऐसे गुनाह में तो जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए ताकि ऐसे बुरे कामों को करने वालों को सबक मिल सके। हमें अपनी बेटियों को आज के समय में कमजोर नहीं बनाना है, बल्कि दुर्गा का रूप धारण करवाना है। यह मात्र उक्त लड़की की कहानी नहीं, बल्कि घर घर की कहानी है। हर घर में एक बेटी, सिस्टर है, मां व पत्नी है, लेकिन अफसोस से कहना पड़ रहा है कि कोई सेफ नहीं है।

       इस दौरान डॉ बीएस जौहल व दीपक चावला ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मामले में इंसाफ जल्द से जल्द मिले। एक टाईम पीरियड रखा जाए जांच व इंसाफ मिलने के लिए। यह न हो कि 10 साल तक जांच ही चलती रहे, जैसा पहले निर्भया के मामलों में हुआ है। देर से मिला इंसाफ भी न मिलने के बराबर ही होता है। यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कोलकाता में हाल ही में हुई एक घटना के जवाब में है, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा को संबोधित करने की चल रही आवश्यकता पर बल देता है। यह ही वक्त है कि लोगों को आगे आना चाहिए।

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