हरियाणा के चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस कंफ्यूज.. जानिए आखिर कहां हो गई चूक …

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क्यों कांग्रेस के काम नहीं आया किसानों, जवानों व पहलवानो का नैरेटिव.. आ​खिर कैसे जीती बाजी हार गई कांग्रेस

टाकिंग पंजाब

हरियाणा। हाल ही में हरियाणा में हुए चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल में भाजपा बुरी तरह से पिछड़ रही थी व कांग्रेस गठबंधन की जै जैकार हो गई थी। हर तरफ कांग्रेस की जीत के दावे किए जा रहे थे। कांग्रेस के नेता भी यह मान चुके थे कि हरियाणा में तो कांग्रेस ही जीतेगी। यहां तक कि कांग्रेस किसानों, जवानों और पहलवानों के नैरेटिव के जरिए सत्ता में आने का लगभग ऐलान कर चुकी थी। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि ऐन मौके पर बाजी पलट गई व हरियाणा की सत्ता एक बार फिर से भाजपा के हाथों में आ गई है। हरियाणा में भाजपा की जीत व कांग्रेस की हार के कुछ कारणँ यह भी कहे जा सकते हैं।   दरअसल हरियाणा चुनाव में कांग्रेस जाट वोटों पर बहुत ज्यादा भरोसा कर बैठी। कांग्रेस तो यह मान कर चल रही थी कि जाट तो कांग्रेस को ही वोट देंगे। कांग्रेस का यह अति आत्मविश्वास कांग्रेस को नुकसान पहुंचा गया। आलम यह है कि ज्यादातर जाट बाहुल्य सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस को हरा दिया। इसके अलावा किसानों को भी कांग्रेस अपने पक्ष में मान रही थी। किसान सम्मान निधि व हरियाणा सरकार के किसानों के कामों को भूल वो भाजपा को किसान विरोधी बताती रही थी, हालांकि जमीन पर इसका उल्टा असर पड़ता गया। हरियाणा के किसान 10 साल पहले और अब की तुलना करने लगे और एकजुट होकर भाजपा को वोट कर गए।    किसानों व जवानों का मुद्दा नहीं आया काम – इन चुनावों में किसानों के साथ ही जवानों का मुद्दा गरमाकर कांग्रेस ने नौजवानों को अपनी तरफ करने की जोरदार कोशिश की। अग्निवीर योजना को लेकर राहुल गांधी ने संसद से सड़क तक भाजपा को घेरने की कोशिश की। हालांकि, भाजपा ने सभी अग्निवीरों को राज्य की सरकारी नौकरी में तरजीह देने की घोषणा कर एक झटके में इन आरोपों की हवा निकाल दी। इसी के साथ भाजपा और खासकर पीएम मोदी ने पर्ची और खर्ची की बात कर नौजवानों को 10 साल पहले की सरकारों के काम भी बता दिये कि कैसे पहले एक ही जाति और घूस लेकर नौजवानों को नौकरी दी जाती थी। इसने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया और कांग्रेस लीडरशिप इस पर ध्यान ही नहीं दे पाई।   इसके अलावा पहलवानों के जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन के बाद विनेश फोगाट को टिकट दिया।  विनेश फोगाट टिकट देकर कांग्रेस ने यह मान लिया था कि अब हरियाणा के सभी पहलवान और उनके समर्थक कांग्रेस को ही वोट देंगे। साथ ही उसने इनके जरिए भाजपा को पहलवान बेटियों के विरोधी के रूप में पेश किया, लेकिन विनेश की बहन बबीता फोगाट ने ही उनकी पोल खोल दी। बबिता यह बताने से नहीं चूकीं कि विनेश ने राजनीति में सफलता के लिए न सिर्फ भाजपा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है, बल्कि अपने करियर और नौजवान पहलवानों के उत्साह को भी नुकसान पहुंचाया है। हुड्डा परिवार से नजदीकी प्रदर्शन के समय से विनेश की लोगों को दिख रही थी। ऐसे में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विनेश ने रही-सही संवेदना भी खो दी थी।

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