शीतकालीन सत्र के आठवें दिन विपक्ष ने किया संसद में ​भारी हंगामा

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विपक्षी सांसदों ने गली-गली में शोर है, मोदी-अडाणी चोर हैं के लगाए नारे …कहा, अडाणी मुद्दे पर हो जेपीसी का गठन

टाकिंग पंजाब

नईं दिल्ली। गुरूवार को संसद के शीतकालीन सत्र के आठवें दिन विपक्षी सांसद काली जैकेट पहन कर संसद पहुंचे। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने गली-गली में शोर है, मोदी-अडाणी चोर हैं के नारे लगाए। विपक्षी सांसदों के साथ राहुल व प्रियंका गांधी भी शामिल हुए। विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि स्कूल देखो- अडाणी, सड़कें देखो- अडाणी, ऊपर देखो- अडाणी, नीचे देखो- अडाणी के नारे लगाए।   इस दौरान राहुल गांधी ने सरकार को सवाल पूछते हुए कहा कि आप कभी इन्वेस्टीगेशन कराओगे ? आप करा सकते हो अपना ही इन्वेस्टीगेशन ? मोदी जी, अडाणी जी की जांच नहीं करा सकते, क्योंकि मोदी, अडाणी की जांच कराएंगे तो अपनी ही जांच कराएंगे। मोदी और अडाणी दो नहीं, एक ही हैं। राहुल गांधी के अलावा विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन में शामिल हुई प्रियंका गांधी, तरुण गोगोई समेत कांग्रेस सांसदों ने ‘सदन में आओ’, ‘जवाब दो’ के नारे लगाए। इस दौरान कांग्रेस सांसनों ने कहा कि अडाणी मुद्दे पर जेपीसी का गठन होना चाहिए।   केरल से कांग्रेस सांसद के सुरेश ने अडाणी मुद्दे पर जेपीसी बनाने की मांग भी की। इस दौरान टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि हर पार्टी की अपनी रणनीति होती है, लेकिन फ्लोर ऑफ द हाउस पर हम सब एक ही हैं। पश्चिम बंगाल सरकार को पांच साल से पैसा नहीं मिला, जो कि 1.83 लाख करोड़ है। यह आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा का पैसा है। हम इस पर चर्चा करना चाहते हैं। देश में खाद की किल्लत है, हम इस पर चर्चा करना चाहते हैं। आलू और चावल जो 140 करोड़ लोग खाते हैं, इस पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। भले ही हम पार्लियामेंट में अलग-अलग बैठे हैं, पर चर्चा तो देश के लिए करते हैं।  भाजपा सांसद और वक्फ अमेंडमेंट बिल पर बनी जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि राहुल गांधी संसद की कार्यवाही छोड़कर संभल जाना चाह रहे थे। उन्हें सत्र में मौजूद रहना चाहिए था। संभल में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, प्रशासन हालात सामान्य करने में जुटा है। प्रशासन जनप्रतिनिधियों से वहां न आने की अपील कर रहा है। अगर आपको शांति की अपील करनी है तो यहां से भी कर सकते हैं। संसद का सत्र चल रहा है, अगर उन्हें यह विषय महत्वपूर्ण लग रहा था तो इसे यहां उठा सकते थे। उन्हें सदन चलाने में दिलचस्पी नहीं है।

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