किसान नेताओं के घायल होने के चलते पीछे हटा दिल्ली जा रहे किसानों का जत्था
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। दोपहर करीब 1 बजे दिल्ली कूच के लगभग ढाई घंटे बाद किसान शंभू बॉर्डर से पीछे हट गए हैं। इसका मुख्य कारण पुलिस के साथ हुई झड़प में कईं किसान नेताओं का घायल होना बताया जा रहा है। इस बात की पृष्टि किसान नेता सरवन सिंह ने भी की है। उनका कहना है कि हमारे काफी नेता घायल हुए हैं। हम जत्थे को वापस बुला रहे हैं। दिल्ली मार्च पर फैसला बाद में लिया जाएगा। दरअसल किसानों को खदेड़ने के लिए हरियाणा पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए ते, जिसके कारण अब तक 7 किसान घायल हो चुके हैं। यहां तक कि जत्थे के अगुआई कर रहे सुरजीत फूल भी आसू गैस की चपेट में आ गए हैं। इस प्रर्दशन दौरान 2 किसानों की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। उन्हें एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया। इससे पहले किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से जाना चाहते थे। हमें जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में जगह दे देते। किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि हम वहां अपनी बात रख पाते। हमारे साथ क्या किया जा रहा, यह पूरी दुनिया देख रही है। पंधेर ने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे। हमें उम्मीद है कि सरकार बातचीत का रास्ता खोलेगी। उन्होंने कहा कि अभी इंतजार कर रहे हैं, अगर दिल्ली नहीं जाने देते तो फिर हम शाम को रणनीति बनाएंगे। पंधेर ने कहा कि सरकार या तो हमें दिल्ली जाने दे या फिर बातचीत करे। उन्होंने कहा कि हमारा किसी राज्य की सरकार से कोई मुद्दा नहीं है। बजरंग पूनिया बोले- सरकार को किसानों से दिक्कत – पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, “पहले जब किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली आ रहे थे, तब आपने हल्ला मचाया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर किसान न आएं, अगर आना है तो पैदल आएं। अब जब किसान पैदल आ रहे हैं, तो आपको इससे भी दिक्कत है। असल में समस्या ट्रैक्टर-ट्रॉली की थी ही नहीं। तुम्हें दिक्कत तो किसानों से है। सच तो यह है कि आप किसानों को उनके हक देना ही नहीं चाहते। लेकिन चिंता मत करिए, किसान अपने हक लेना बखूबी जानते हैं।