स्मार्ट फोन व सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों में हो रही ब्रेन ऱॉट (दिमागी जंग) जैसी बिमारी

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कैमिस्ट्री गुरू एमपी सिंह ने पीएम को मांग पत्र भेज की 18 साल से कम उम्र के बच्चों के स्मार्ट फोन इस्तेमाल पर पाबंदी की मांग

टाकिंग पंजाब

जालंधर। आज के समय में बच्चों में  स्मार्ट फोन का बढता चलन कईं तरह की समस्याओं का कारण बन रहा है। इसको देखते हुए कईं देशों ने बच्चों के हाथ में  स्मार्ट फोन न देने का कड़ा फैंसला भी लिया है, लेकिन हमारे देश भारत में एक 13 साल का बच्चा इंस्ट्राग्राम पर अपना अकाऊंट बना सकता है, जो कि एक चिंता का विषय है।    बच्चों में बढते  स्मार्ट फोन के क्रेज व माता पिता की चिंता को समझते हुए कैमिस्ट्री गुरू के नाम से मशहूर एमपी सिंह ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है। एक प्रैस वार्ता दौरान एमपी सिंह ने कहा कि आज के दौर में बच्चों ने अपने हाथों में स्मार्ट फोन नहीं, बल्कि एक नशा थामा हुआ है, जो कि हमारे समाज के लिए आगे चल कर काफी घातक हो सकता है। एमपी सिंह ने कहा कि इस खतरे को भांपते हुए आज कईं डिवेलप देशों ने बच्चों के स्मार्ट फोन चलाने व सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है।  हम भी इस अभियान के तहत देश के प्रधानमंत्री से अपील करने जा रहे हैं कि वह भी भारत में 18 साल से कम के बच्चों के स्मार्ट फोन व सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक लगाएं। उन्होंने कहा कि आज के समय में आस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर पाबंदी लगा दी है। यूके ने तो 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर पाबंदी लगाई ही है, साथ ही यूके की मोबाईल कंपनियों व माता पिता को यह सलाह दी है कि वह 11 साल से कम उम्र के बच्चों को स्मार्ट फोन न दें।  इसके अलाफ फ्रांस ने तो बच्चों को स्मार्ट फोन फोन बेचना ही गैर कानूनी बना दिया है। रूस ने जहां 18 साल के बच्चों को स्मार्ट फोन न देनें की सिफारिश की है, वहीं स्वीडन जैसे देश की हैल्थ एजेंसी ने कहा है कि बच्चों को स्मार्ट फोन के इस्तेमाल की बिल्कुल भी इजाज्त नहीं होनी चाहिए। इन दैेशों के अलावा इजरायल, बैलजियम, जर्मनी जैसे देश भी बच्चों के स्मार्ट फोन इस्तेमाल पर जल्द ही पाबंदी लगाने जा रही हैं।अगर यह सभी देश अपने यहां पर बच्चों में स्मार्ट फोन को लेकर सख्त कदम उठा सकते हैं तो भारत में बच्चों के स्मार्ट फोन पर इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जा सकती है।      इतना ही नहीं, एक अध्यन में पाया गया है कि बच्चों के ज्यादा स्मार्ट फोन के इस्तेमाल से उनके दिमाग को मिलने वाले सिग्नल पर भी काफी फर्क पड़ता है। आक्सफोर्ड की डायरी में इस बात का जिक्र है कि स्मार्ट फोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों को ब्रेन रॉक यानि कि दिमाग को जंग लगना जैसी बिमारी हो रही है। एमपी सिंह का कहना है कि देश के इस बेहद ही गंभीर खतरे को देखते हुए वह देश के प्रधानमंत्री तक यह बात पहुंचाना चाहते हैं कि वह भारत में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के स्मार्ट फोन व सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दें।

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