संगरूर में 31 साल बाद सबसे कम मतदान, सिर्फ 45.50% हुई वोटिंग

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विरोधियों ने आम आदमी पार्टी सरकार को ठहराया इसका जिम्मेदार

टाकिंग पंजाब

पंजाब। संगरूर लोकसभा सीट पर मतदान का फाइनल आंकड़ा सामने आया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का गढ़ रही इस सीट पर इतिहास में 31 साल बाद सिर्फ 45.50% वोटिंग हुई जोकि सबसे कम वोटिंग है। इससे सन् 1991 में 10.9% वोटिंग हुई थी। कम वोटिंग के लिए विरोधियों ने आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आप ने लोगों से किए हुए वादे पूरे नहीें किए फि​र चाहे वो महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रूपये देना हो या मुफ्त बिजली। आम आदमी पार्टी ने कोई भी वादा पूरा नहीें किया जिस के कारण मायूस लोगों ने मतदान नहीं किया।

पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि लोग सरकार से नाखुश हैं। जिन्होंने आम आदमी पार्टी को वोट दिया, उनके वादे पूरे नहीं हुए। वहीं भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव वादे पूरे नहीं किए। जिनके प्रति लोगों में बड़ा उत्साह था। वहीं आम आदमी पार्टी ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि गर्मी व पैडी सीजन की वजह से लोग वोट देने नहीं आए।

संगरूर लोकसभा सीट के अधीन 9 विधानसभा सीटें आती हैं जिन पर कुछ महीने पहले ही आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी। संगरूर लोकसभा सीट के अधीन आती धूरी सीट से विधायक बने भगवंत मान इस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री हैं। वहीं दिड़बा सीट से जीते हरपाल चीमा पंजाब सरकार में वित्त मंत्री हैं व बरनाला से जीते गुरमीत मीत हेयर शिक्षा मंत्री हैं।

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