ब्लॉग में लिखा.. इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित करना आसान नहीं था.. मैं मां गंगा, यमुना व सरस्वती से प्रार्थना करता हूं कि हमारी पूजा में कमी को माफ कर दें
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी हुई कि बड़ी संख्या में प्रयागराज आई युवा पीढ़ी.. युवाओं का आना बहुत बड़ा संदेश
टाकिंग पंजाब
जालंधर। यह विशाल जनसमूह गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर आजादी से सांस ले रहे राष्ट्र का प्रतीक है। महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक लोग संगम पर आए, जो कि गंगा, यमुना व रहस्यमयी सरस्वती नदियों का मिलन बिंदु है। इस 45 दिवसीय आयोजन के दौरान देशभर से आए श्रद्धालुओं की सेवा के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार व प्रयागराज के निवासियों के प्रयासों की सराहना करता हूं। इन बातों का प्रग्टावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को महाकुंभ पर अपना संदेश देते हुए किया।
उन्होंने महाकुंभ पर एक ब्लॉग में लिखा, “महाकुंभ समाप्त हो गया है। एकता का महायज्ञ समाप्त हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम का आयोजन चुनौतीपूर्ण था और पीएम ने इस आयोजन में किसी भी कमी के लिए खेद भी व्यक्त किया। उन्होंने हिंदी में लिखा कि “मैं जानता हूं कि इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित करना आसान नहीं था। मैं मां गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रार्थना करता हूं कि अगर हमारी पूजा में कोई कमी रह गई हो तो कृपया हमें माफ कर दें। अगर हम भक्तों, जो मेरे लिए भगवान हैं, की सेवा में कमी कर गए हों तो मैं जनता से भी क्षमा मांगता हूं। उन्होंने कहा, “पिछले 45 दिनों से मैं हर दिन देख रहा हूं कि कैसे देश के कोने-कोने से लाखों लोग संगम तट की ओर बढ़ रहे हैं।
संगम पर स्नान की भावना बढ़ती जा रही है। हर श्रद्धालु सिर्फ एक ही चीज के मूड में है – संगम पर ‘स्नान’। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकुंभ आयोजन योजना व नीति विशेषज्ञों सहित आधुनिक प्रबंधन पेशेवरों के लिए नए अध्ययन का विषय बन गया है। आज पूरे विश्व में इतनी बड़ी घटना की कोई तुलना नहीं है; ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया हैरान है कि कैसे इतनी बड़ी संख्या में करोड़ों लोग त्रिवेणी संगम पर एक नदी के तट पर एकत्र हुए। इन करोड़ों लोगों को न तो कोई औपचारिक निमंत्रण मिला था और न ही आने के समय के बारे में कोई पूर्व सूचना दी गई थी।
लोग बस महाकुंभ के लिए निकल पड़े और पवित्र संगम में डुबकी लगाकर धन्य हो गए। पीएम ने कहा, “मैं उन तस्वीरों को नहीं भूल सकता। मैं स्नान के बाद अपार खुशी और संतुष्टि से भरे उन चेहरों को नहीं भूल सकता। चाहे महिलाएं हों, बुजुर्ग हों या दिव्यांग, हर किसी ने संगम तक पहुंचने के लिए जो कुछ भी कर सकता था, किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी हुई कि युवा पीढ़ी भी बड़ी संख्या में प्रयागराज आई। “महाकुंभ में भाग लेने के लिए भारत के युवाओं का आगे आना, एक बहुत बड़ा संदेश देता है। इससे ये विश्वास मजबूत होता है कि भारत की युवा पीढ़ी हमारे मूल्यों व संस्कृति की वाहक है, इसे आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी समझती है व इसके लिए दृढ़ संकल्पित और समर्पित भी है।
पीएम मोदी ने कहा कि यूपी से सांसद होने के नाते मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि योगी जी के नेतृत्व में सरकार, प्रशासन और जनता ने मिलकर एकता के इस महाकुंभ को सफल बनाया। उन्होंने प्रयागराज के निवासियों की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि “चाहे वह सफाई कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों, नाविक हों, ड्राइवर हों, रसोइये हों, सभी ने समर्पण और सेवा की भावना के साथ अथक परिश्रम करके इसे सफल बनाया है। इसने आने वाली कई शताब्दियों के लिए आधारशिला रखी है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने निश्चित रूप से एक रिकार्ड बनाया है। अमेरिका की जनसंख्या से लगभग दोगुने लोगों ने यह पवित्र स्नान किया।

Oplus_131072