चन्नी सरकार के समय स्पोर्ट्स किटों में घोटाला होने की आशंका, खेल मंत्री ने मुख्यमंत्री को लिखा जांच के लिए पत्र
टाकिंग पंजाब
चंडीगड़। पंजाब की सत्ता पर कुछ माह ही काबिज रही चन्नी सरकार के मंत्रियों पर आप सरकार का शिकंजा कसना जारी है। आप की सरकार बनने के बाद से ही पंजाब की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत, जंगलात मंत्री संगत सिंह गिलजियां के बाद अब उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी पर भी कार्रवाई हो सकती है। पंजाब में कांग्रेस सरकार के समय स्पोर्ट्स किटों में घोटाले की आशंका जाहिर की जा रही है। इस मामले में खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख विजिलेंस जांच की मांग भी की है। आपको बता दें कि उस समय की चन्तनी सरकार ने 8900 खिलाडि़यों को स्पोर्ट्स किट देने को मंजूरी दी थी।
हर खिलाड़ी को किट के लिए 3 हजार रुपए दिए तो गए, जिसकी रकम 2.67 करोड़ बनी थी। हालांकि बाद में यह राशि खिलाड़ियों से वापस ले ली गई व उन्हें घटिया किस्म की किटें उपलब्ध करवा दी गई। बताया जा रहा है कि जिन स्पोर्ट्स किट सप्लाई की गई, वह बहुत ही घटिया क्वालिटी की थी। इस मामले में खेल विभाग के अधिकारी व स्पोर्ट्स किट सप्लाई करने वाली कंपनियां भी जांच के दायरे में आ सकती हैं।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में खेल मंत्री मीत हेयर ने कहा है कि चन्नी सरकार के समय चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले स्पोर्ट्स किट के लिए सीधे खिलाडि़यों के खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया व फिर उनसे खास फर्मो के नाम पर चेक व ड्राफ्ट ले लिए गए।
इस मामले में सवाल उठ रहे हैं कि अगर चन्नी सरकार ने रुपए ही देने थे तो फिर वापस क्यों लिए गए। अगर सरकार ने खुद किट खरीद कर देनी थी तो इसकी टेंडरिंग प्रक्रिया को पूरा क्यों नहीं किया गया। खेल मंत्री का कहना है इसके लिए टेंडर नहीं किए गए, जिसके कारण शक पैदा हो रहा है कि घोटाला हुआ। इसलिए मामले की विजिलेंस जांच होनी चाहिए।
उधर दूसरी तरफ चन्नी के मुख्यमंत्री रहते 142 करोड़ की ग्रांट का मुद्दा भी उछलना शुरू हो गया है। इस मामले में मुख्यमंत्री रहे चन्नी पर इलजाम लग रह हैं कि इस 142 करोड़ की ग्रांट को मात्र रोपड़ जिले में ही बांट दिया गया। इसमें भी 60 प्रतिशत ग्रांट तो अकेले विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब को ही दे दी गई। अब इस मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार ने स्पेशल जांच कमेटी बना दी है। भगवंत मान सरकार की बनाई जांच टीम ने तीनों जगह के ब्लॉक डेवलपमेंट व पंचायत अफसर ऑफिस का रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। आब जांट टीम देखेगी कि पूर्व सीएम चन्नी की सरकार ने यह ग्रांट किस काम के लिए जारी की थी, वह काम हुआ भी या नहीं ? यह ग्रांट किस काम पर खर्च की गई ? कहीं ग्रांट जारी करने व खर्च करने के काम अलग-अलग तो नहीं ?