राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी निजी उपलब्धि नहीं, यह देश के सभी गरीबों की उपलब्धि है- द्रौपदी मुर्मू
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं। भारत की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने द्रौपदी मुर्मू को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण से पहले द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन पहुंचीं थी जहां उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व उनकी पत्नी से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन के लिए निकलने से पहले उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। सुबह 10:15 बजे द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ली व उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में कहा कि मैं भारत के युवाओं और महिलाओं को विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर काम करते हुए उनका हित मेरे लिए सर्वोपरि रहेगा। राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी निजी उपलब्धि नहीं है, यह देश के सभी गरीबों की उपलब्धि है। मेरा नॉमिनेशन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकता है, बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकता है।