मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किया ‘खेडां वतन पंजाब दिआं’ का शुभारंभ, बारिश के कारण ढाई घंटे लेट शुरू हुआ कार्यक्रम

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मुख्यमंत्री की ओर से शुभारंभ किए जाने के बाद पहली सितंबर से होगी खेलों की औपचारिक शुरुआत

टाकिंग पंजाब

जालंधर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पत्नी डॉ गुरप्रीत कौर के साथ ‘खेडां वतन पंजाब दिआं’ का शुभारंभ किया। सीएम मान 4 बजे जालंधर पहुंच गए थे परंतु बारिश के कारण कार्यक्रम ढाई घंटे लेट शुरू हुआ। बारिश के कारण कार्यक्रम जालंधर के गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में पानी भर गया व स्टेज पर रखे गए सोफे और कुर्सियां पानी में भीग गईं।

भीग चुकी कुर्सियों व सोफे हटाकर नई कुर्सियां लगाई गई। जिसके चलते चार बजे शुरू होने वाला कार्यक्रम लेट हो गया। मुख्यमंत्री की ओर से शुभारंभ किए जाने के बाद खेलों की औपचारिक शुरुआत पहली सितंबर से होगी। पहली सितंबर से 7 सितंबर तक खंडस्तर पर खेल मेले होंगे। इसमें वॉलीबॉल, एथलेटिक्स, फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो व रस्साकशी प्रतियोगिताएं होंगी। दूसरे चरण में 12 से 22 सितंबर तक जिलालेवल पर मुकाबले होंगे।

इनमें एथलेटिक्स, फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, सॉफ्टबॉल, जूडो, रोलर स्केटिंग, गतका, किक बॉक्सिंग, हॉकी, नेट बॉल, बैडमिंटन, बास्केट बॉल, पावर लिफ्टिंग, लॉन टेनिस, कुश्ती, तैराकी, बॉक्सिंग, टेबल टेनिस और वेट लिफ्टिंग के प्लेयर शामिल होंगे। अंतिम चरण में स्टेट लेवल पर मुकाबले होंगे जो 10 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चलेंगे।

इनमें किक बॉक्सिंग, तीरंदांज़ी, निशानेबाजी, शतरंज, रोइंग, जिम्नास्टिक्स, तलवारबाजी और पावर लिफ्टिंग की प्रतियोगिताएं होंगी। स्टेडियम में निकाली जाने वाली मशाल यात्रा के लिए ओलिंपिक और कॉमनवेल्थ खेलों में मेडल जीत चुके 13 खिलाड़ियों का चयन किया गया।

इनमें बलजीत सिंह ढिल्लों, सिमरनजीत कौर चकर, राजिंदर सिंह रहेलू, मनजीत कौर, विकास ठाकुर, गुरजीत कौर, दमनीत सिंह मान, स्वर्ण सिंह विरक, सुखपाल सिंह पाली ,हरप्रीत सिंह हैप्पी, सुमन शर्मा, प्रणव चोपड़ा व गुरप्रीत सिंह शामिल हैं। इस अवसर पर खेल मंत्री ने कहा कि खेडां वतन पंजाब दिआं का आयोजन कई मकसद से किया जा रहा है।

इसका पहला मकसद युवाओं की ऊर्जा सही दिशा में लगाना है, ताकि वह नशे की तरफ न जाएं। दूसरा मकसद पंजाब की प्रतिभाओं को उभारने के लिए मंच प्रदान करना है। इसके अलावा पंजाब की लुप्त हो चुकी खेल संस्कृति को दोबारा जिन्दा करना भी एक टारगेट है। किसी समय पंजाबी खेलों में सबसे आगे थे लेकिन आज पड़ोसी राज्य आगे निकल चुके हैं।

 

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